उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि देश ने उच्च शिक्षा में विस्तार किया है और गुणवत्ता को बढ़ाया है। इस रैंकिंग से संस्थानों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा शुरू हुई है और एक माहौल बना है, शोध अनुसंधान को बढ़ावा मिला है। रैंकिंग के मानकों में लैंगिक समानता वंचित वर्ग को स्थान देने तथा दिव्यांगों की सुविधा को भी शामिल किया किया गया है और छात्रों तथा अभिभावकों को पढ़ाई के लिए बेहतर विकल्प चुनने का अवसर प्राप्त हुआ है। राष्ट्रपति ने रैंकिंग प्रणाली की सफलता के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय की भूरि-भूरि प्रशंसा की।