प्रश्न (1) – मैग्सेसे पुरस्कार क्या है?
फिलिपीन्स के पूर्व राष्ट्रपति रैमन मैगसायसाय के नाम से शुरू हुए इस पुरस्कार को अंग्रेजी वर्तनी के कारण हिन्दी में मैग्सेसे लिखा जाता है। 17 मार्च 1957 को विमान दुर्घटना में उनके निधन के बाद अप्रेल 1957 में इस पुरस्कार की स्थापना की गई थी। रैमन मैगसायसाय की शासन के प्रति निष्ठा, साहसिक जनसेवा और लोकतांत्रिक आदर्शों की स्थापना को देखते हुए यह पुरस्कार शुरू किया गया। शुरू में यह पुरस्कार निम्नलिखित पांच क्षेत्रों में दिया जाता था। 1.सरकारी सेवा 2. सार्वजनिक सेवा 3. सामुदायिक नेतृत्व 4. पत्रकारिता, साहित्य और सृजनात्मक संचार-कलाएं, 5. शांति और अंतरराष्ट्रीय सद्भाव। सन् 2001 में इसमें नव-नेतृत्व का एक और क्षेत्र बढ़ाया गया। इस श्रेणी का पहला पुरस्कार सन् 2001 में दिया गया। इस प्रकार अब छह श्रेणियों में हर वर्ष ये पुरस्कार दिए जाते हैं। यह पुरस्कार न्यूयॉर्क के रॉकफैलर ब्रदर्स फंड ने फिलिपींस सरकार की सहमति से शुरू किया था।
प्रश्न (2) – गज़ल व नज्म में क्या फर्क है?
नज्म मोटे तौर पर कविता या पद्य है। उर्दू में गज़ल का एक खास अर्थ है, इसलिए नज्म माने गजल से इतर पद्य है, जो तुकांत भी हो सकता है अतुकांत भी। छंदेतर नज्म को आजाद नज्म कहते हैं। गजल एक ही बहर और वजन के शेरों का समूह है। एक गजल में पांच या पांच से ज्य़ादा शेर हो सकते हैं। गजल अरबी काव्य शास्त्र की एक शैली है। पहले यह शैली अरबी से फारसी में आई। इसके बाद वहां से उर्दू में आई। गजल का प्रत्येक शेर अपने अर्थ और भाव की दृष्टि से पूर्ण होता है। हरेक शेर में समान विस्तार की दो पंक्तियां या टुकड़े होते हैं, जिन्हें मिसरा कहा जाता है। प्रत्येक शेर के अंत का शब्द प्राय: एक सा होता है जो रदीफ कहलाता है। तुक व्यक्त करने वाला शब्द काफिया कहलाता है। गजल के पहले शेर को मतला कहते हैं। आखिरी शेर को जिसमें शायर का नाम या उपनाम आता है उसे मक्ता कहते हैं।
प्रश्न (3) – टाटा-बाय-बाय का मतलब?
अंग्रेजी में विदाई के वक्त टाटा कहने का चलन है। इसका प्रचलन उन्नीसवीं सदी से हुआ है। ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के अनुसार यह गुडबाय का नर्सरी संस्करण है। इसका इस्तेमाल पहली बार 1837 में किया गया। 1941 में बीबीसी के एक रेडियो प्रोग्राम में इस्तेमाल किया गया संक्षिप्त प्रयोग टीटीएफएन काफी लोकप्रिय हुआ था जिसका मतलब था टाटा फॉर नाउ।
प्रश्न (4) – आमंत्रण व निमंत्रण में क्या अंतर है?
आमंत्रण व निमंत्रण दोनों शब्दों का मुख्य शाब्दिक अर्थ बुलावा व न्योता है, परंतु अलग-अलग परिस्थितियों में इसका प्रयोग अलग-अलग किया जाता है। उदाहरणार्थ किसी व्यक्ति के पास स्वयं जाकर किसी निश्चित तिथि व समय पर आने का अनुरोध करना निमंत्रण कहा जाता है, परंतु एक ही स्थान पर रहकर व्यक्ति को अपने पास आने का अनुरोध करता है तो उसे आमंत्रण कहा जाता है, जैसे मंच पर विशिष्ट अतिथियों को आने का अनुरोध करना।
प्रश्न (5) – सैंधा और काला नमक क्या होते हैं?
सैंधा या लाहौरी नमक वस्तुत: नमक की चट्टान है, जिन्हें पीसकर पाउडर की शक्ल में बनाते हैं। काला नमक मसाले (मूलतया हरड़) मिलाकर बनाया जाता है।