यह है योजना
राज्यसरकार ने वर्ष २०१६ को मुख्यमंत्री जन आवास योजना के नाम से शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले आर्थिक दृष्टि से कमजोर आय वर्ग एवं अल्प आय वर्ग के लिए बहुमंजिला आवास निर्माण योजना शुरू की। जिसमें दो वर्गों ईएसडब्ल्यू और एलआईजी के रूप में आवास के आवेदन लिए गए थे।
फॉर्म और आवंटन पत्र में अंतर
जब आवास योजना शुरू की गई थी, और उसके फॉर्म दिए गए थे, उस फॉर्म के प्वाइंट नम्बर ३३ में लिखा है कि ‘यदि आवेदक आवास के पश्चात जमा राशि लौटाने के लिए आवेदन करता है तो प्रथम किश्त की जमा राशि का १० प्रतिशत राशि काटकर शेष राशि बिना ब्याज के लौटा दी जाएगी’ जबकि आवंटन पत्र की शर्त नम्बर चार में लिखा गया है ‘सभी आवंटियों को तालिका में दर्शाय अनुसार वांछित राशि निर्धारित अवधि में जमा कराना आनिवार्य है। आवंटी फ्लेट लेना का इच्छुक न हो अथवा लगातार तीन किश्तें जमा नहीं करवाने पर प्रथम दो किश्तें राशि २८००० जब्त कर शेष राशि बिना ब्याज लौटाकर परिषद द्वारा आवंटन निरस्त किया जाकर लॉटरी द्वारा उपलब्ध कराई गई वरीयता सूची में से क्रमानुसार प्रतीक्षा सूची में अन्य आवंटी को आवंटन कर दिया जाएगा’। ऐसे में आवंटी के पास पैसे जमा करवाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता है।
यह है मामला
वर्ष २०१६ में राजसमंद नगर परिषद ने मुख्यमंत्री जन आवास योजना के लिए आवेदन निकालेे, जिन लोगों का इसमें चयन हुआ उन्होंने अबतक तीन किश्ते जमा कर दी है। लेकिन अब सरल ढंग से बैंक लोन नहीं मिलने पर कुछ लोग अपने आवास वापस करना चाहते हैं लेकिन जब उन्होंने नगर परिषद द्वारा जारी आवंटन पत्र पढ़ा तो उनके होस उड़ गए। आवंटन पत्र की शर्तों में लिखा है कि अगर कोई व्यक्ति आवास वापस करता है तो उसकी दो किश्तें काट ली जाएंगी।
पता करता हूं…
&ऐसा विरोधाभास तो नहीं होना चाहिए, अगर है तो मैं दोनों की शर्तों को पुन: दिखवाता हूं।
ब्रजेश राय, आयुक्त, नगर परिषद राजसमंद
राज्यसरकार ने वर्ष २०१६ को मुख्यमंत्री जन आवास योजना के नाम से शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले आर्थिक दृष्टि से कमजोर आय वर्ग एवं अल्प आय वर्ग के लिए बहुमंजिला आवास निर्माण योजना शुरू की। जिसमें दो वर्गों ईएसडब्ल्यू और एलआईजी के रूप में आवास के आवेदन लिए गए थे।
फॉर्म और आवंटन पत्र में अंतर
जब आवास योजना शुरू की गई थी, और उसके फॉर्म दिए गए थे, उस फॉर्म के प्वाइंट नम्बर ३३ में लिखा है कि ‘यदि आवेदक आवास के पश्चात जमा राशि लौटाने के लिए आवेदन करता है तो प्रथम किश्त की जमा राशि का १० प्रतिशत राशि काटकर शेष राशि बिना ब्याज के लौटा दी जाएगी’ जबकि आवंटन पत्र की शर्त नम्बर चार में लिखा गया है ‘सभी आवंटियों को तालिका में दर्शाय अनुसार वांछित राशि निर्धारित अवधि में जमा कराना आनिवार्य है। आवंटी फ्लेट लेना का इच्छुक न हो अथवा लगातार तीन किश्तें जमा नहीं करवाने पर प्रथम दो किश्तें राशि २८००० जब्त कर शेष राशि बिना ब्याज लौटाकर परिषद द्वारा आवंटन निरस्त किया जाकर लॉटरी द्वारा उपलब्ध कराई गई वरीयता सूची में से क्रमानुसार प्रतीक्षा सूची में अन्य आवंटी को आवंटन कर दिया जाएगा’। ऐसे में आवंटी के पास पैसे जमा करवाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता है।
यह है मामला
वर्ष २०१६ में राजसमंद नगर परिषद ने मुख्यमंत्री जन आवास योजना के लिए आवेदन निकालेे, जिन लोगों का इसमें चयन हुआ उन्होंने अबतक तीन किश्ते जमा कर दी है। लेकिन अब सरल ढंग से बैंक लोन नहीं मिलने पर कुछ लोग अपने आवास वापस करना चाहते हैं लेकिन जब उन्होंने नगर परिषद द्वारा जारी आवंटन पत्र पढ़ा तो उनके होस उड़ गए। आवंटन पत्र की शर्तों में लिखा है कि अगर कोई व्यक्ति आवास वापस करता है तो उसकी दो किश्तें काट ली जाएंगी।
पता करता हूं…
&ऐसा विरोधाभास तो नहीं होना चाहिए, अगर है तो मैं दोनों की शर्तों को पुन: दिखवाता हूं।
ब्रजेश राय, आयुक्त, नगर परिषद राजसमंद