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ट्रिपल तलाक पर युवा शक्ति की साेच जानकर हैरान रह जाएंगे आप

locationमुजफ्फरनगरPublished: Dec 11, 2016 10:13:00 am

Submitted by:

lokesh verma

उलेमाआें काे ये नसीहत देते हुए जानिए क्‍या कहा युवाओं ने

triple talaq

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सहारनपुर. ट्रिपल तलाक आज देश में एक बड़ा मुद्दा बन गया है। हाल ही में इलाहाबाद हाईकाेर्ट ने ट्रिपल तलाक पर जाे टिप्पणी की है उसके बाद एक बार फिर से पूरे देश में ट्रिपल तलाक काे लेकर बहस छिड़ गई है। देश के तमाम माैलवी आैर मुस्लिम लीडर यहां तक की महिलाएं भी इस मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रख रहे हैं। इसी विषय को लेकर पत्रिका ने युवा शक्ति से जाना उनका पक्ष। आईये जाने देश का युवा इस मुद्दे पर क्या साेचता हैं। ट्रिपल तलाक काे लेकर उनका क्या नजरिया है आैर देश में चल रही इस बहस में वे खुद काे कहां पाते हैं।

Saharanpur


आपकाे यह जानकर हैरानी हाेगी कि युवाआें ने इस मुद्दे काे संवेदनशील बताया आैर कैमरे के सामने सार्वजनिक रूप से अपनी बात कहना ताे दूर उन्हाेंने नाम तक छिपाए रखने की बात कही। यानि साफ है कि कहीं ना कहीं युवा शक्ति भी ट्रिपल तलाक के मामले पर खुलकर बाेलने से बच रही है आैर उसे एेसा लगता है कि अगर उसने आवाज उठाई ताे उसके लिए यह परेशानी का सबब बन सकता है। बावजूद इसके हमने एक के बाद एक युवाआें से बात करने की काेशिश की। कुल मिलाकर जितने युवाआें से हमने बात की उनमें से अधिकांश ने यही कहा कि ट्रिपल तलाक सही नहीं है। इसकी सही ढंग से व्याख्या की जरूरत है आैर वह खुद इस बात काे आज तक समझ नहीं पाएं है कि ट्रिपल तलाक की उनकी पवित्र आैर सबसे बड़ी धार्मिक किताब में किस तरह से व्याख्या दी गई है।

Saharanpur


युवाआें ने देश के मुल्ला आैर माैलवियाें के साथ-साथ उलेमाआें से अपील की है कि वे इस मुद्दे पर स्पष्ट राय दें इसे राजनीतिक या धार्मिक मुद्दा ना बनाकर मुस्लिम समाज काे सही दिशा दिखाने का काम करें। यह भी बता दें कि इस दाैरान मुस्लिम कम्युनिटी से 30 फीसदी युवाआें ने साफ कहा कि यदि ट्रिपल तलाक का जिक्र पवित्र कुरान शरीफ में है ताे फिर इसमें काेई बदलाव नहीं हाेना चाहिए। 50 फीसदी युवाआें ने ट्रिपल तलाक काे गलत करार दिया आैर इसमें बदलाव का रास्ता निकालने के लिए उलेमाआें से अपील की। जबकि 20 फीसदी युवाआें ने इस मामले पर कुछ भी बाेलने से इंकार कर दिया।

इस इंस्टीट्यूट में युवा खुलकर बाेले

सहारनपुर काेर्ट राेड स्थित अमेरिकन इंस्टीट्यूट में अंग्रेजी पढ़ने के लिए आए युवाआें ने ट्रिपल तलाक के मामले पर खुलकर अपने मन की बात कही। बीटेक की पढ़ाई कर रहे याशिर ने कहा कि ट्रिपल तलाक मामला बेहद संवेदनशील है। जाे मुस्लिम धर्म के ज्ञाता हैं आैर उलेमा हैं उन्हे इस मसले का हल करना चाहिए। वह खुद मानते हैं कि ट्रिपल तलाक ठीक नहीं है, लेकिन साथ ही साथ यह भी कहते हैं कि यदि कुरान शरीफ में इसका जिक्र है ताे उलेमाआें काे चाहिए कि वह इसकी सही व्याख्या देश के मुसलमानाें के सामने पेश करें।

महिला गलत नहीं है ताे तलाक जायज नहीं



वहीं दसवीं में पढ़ने वाले शाहवेज मलिक का साफ कहना है कि यदि महिला अपने धर्म काे नहीं निभा रही आैर वह गलत है ताे पति की आेर से दिया जाने वाला तलाक सही है, लेकिन अगर महिला गलत नहीं है ताे एेसे तलाक जायज नहीं हाेने चाहिएं। शाहवेज ने ट्रिपल तलाक पर इससे आगे कुछ भी बाेलने से इंकार कर दिया।

ठीक नहीं ट्रिपल तलाक



शादाफ खान 12वी कक्षा में पढ़ती हैं और वे ट्रिपल तलाक काे बिल्कुल भी ठीक नहीं मानती, लेकिन साथ ही यह भी कहती हैं कि यदि कुरान शरीफ में यह जिक्र है ताे फिर ठीक है। शादाफ कहती हैं कि देश के बड़े उलेमाआें काे ट्रिपल तलाक के मामले में सही पक्ष देश के मुस्लिमाें के सामने रखना चाहिए, ताकि असमंजस आैर अज्ञानता का काेहरा साफ हाे सके।
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