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शिक्षा का अधिकार कानून की आड़ में धांधली पर सख्त हुर्इ सरकार, कर्इ प्रवेश रद्द

Published: Dec 17, 2017 01:04:12 pm

शिक्षा का अधिकार अधिनियम ( RTE ) के तहत मनपसंद स्कूल में प्रवेश दिलाने के लिए कर्इ स्टूडेंटस के अभिभावकों

Right to Education
शिक्षा का अधिकार अधिनियम ( RTE ) के तहत मनपसंद स्कूल में प्रवेश दिलाने के लिए कर्इ स्टूडेंटस के अभिभावकों द्वारा फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने के मामले सामने आ रहे हैं। हालही में गुजरात के सूरत जिले के कई अभिभावकों द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम ( RTE ) का दुरुपयोग करने के मामले उजागर हुए हैं। ऐसे मामले सामने आने के बाद राज्य सरकार ने अभिभावकों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं। साथ ही शंकास्पद सभी प्रवेश रद्द कर दिए गए हैं।
इन अभिभावकों ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत अपने बच्चों का मनपंसद स्कूलों में दाखिला कराने के लिए फर्जी प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए। जिसके बाद बच्चों के अभिभावकों पर पुलिस में मामला दर्ज कराने की सिफारिश की गई।
प्रतिष्ठित स्कूल की चाह होता है फर्जीवाड़ा
अभिभावकों की इच्छा होती है कि उनके बच्चे का प्रवेश शहर के प्रतिष्ठित स्कूल में हो, लेकिन डोनेशन नहीं दे पाने के कारण उन्हें प्रवेश नहीं मिलता। इसलिए कई अभिभावकों द्वारा आरटीई का सहारा लेते हुए फर्जी प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर मनपंसद स्कूल में बच्चों का दाखिला करवा लेते हैं।
स्कूल संचालकों ने की थी शिकायत
शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बाद स्कूल संचालकों ने जिला शिक्षा अधिकारी से कुछ अभिभावकों के खिलाफ आरटीई प्रवेश का दुरुपयोग करने की शिकायत की थी। संचालकों का आरोप था कि अच्छे घर के होने के बावजूद उन्होंने आरटीई के तहत प्रवेश लिया है। जो कि सरकार के नियमों का उल्लंघन है।
तीन माह बाद भी नहीं हुई पुलिस कार्रवाई

शैक्षणिक सत्र 2017 जून-जुलाई में आरटीई के अंतर्गत हुए फर्जी प्रवेश के मामले में जिला शिक्षा अधिकारी यू.एन.राठौड़ ने गत दिनों पुलिस कमिश्नर और जिले के पुलिस थानों के इंस्पेक्टर को अभिभावकों के खिलाफ कार्रवाई करने का पत्र लिखा था। पुलिस कमिश्नर ने फर्जी प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का जिम्मा इंस्पेक्टर को सौंपा था। इसे करीब तीन माह हो चुके हैं, लेकिन अभी तक किसी भी थाने में अभिभावकों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं हुआ है। डीईओ यू.एन.राठौड़ का कहना है कि कार्रवाई करने के लिए इंस्पेक्टरों को पत्र लिखा था।इसके बाद पुलिस की कार्रवाई कहां तक पहुंची, उसका पता नहीं है।
स्कूलों में भेजी गई जांच टीम
संचालकों की शिकायत पर जांच अधिकारियों ने शहर की स्कूलों में आरटीई के तहत प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की जांच की। जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपी गई जांच रिपोर्ट में 229 विद्यार्थी शंका के दायरे में आए। जिला शिक्षा अधिकारी ने ऐसे विद्यार्थियों की रिपोर्ट शिक्षा विभाग को भेजी। शिक्षा विभाग ने इस रिपोर्ट के आधार पर शंकास्पद प्रवेश वाले विद्यार्थियों के प्रवेश को रद्द करने का आदेश जारी किया।
खुद रद्द करवाया प्रवेश

शैक्षणिक सत्र 2017 में आरटीई के अंतर्गत जिले में 3320 प्रवेश हुए। जांच समिति ने सूरत जिले के 130 स्कूलों में 1507 विद्यार्थियों के प्रवेश की जांच की। इसमें 41 शालाओं में 229 प्रवेश पर शंका जताई गई है। जांच के दौरान 16 विद्यार्थियों के अभिभावकों ने प्रवेश को वापस ले लिया था।

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