इस स्कूल का नाम ‘अमिताभ बच्चन राजकीय इंटर कॉलेज’ है, लेकिन 11 अक्टूबर 1942 को इलाहाबाद में जन्में अमिताभ की केवल एक तस्वीर ही स्कूल में लगी है। उनसे जुड़ा कोई दस्तावेज यहां नहीं है। स्कूल के स्टुडेंट्स के साथ साथ शिक्षक और अन्य स्टाफ का कहना है कि जब महानायक का नाम सरकारी स्कूल में जोड़ ही दिया गया था तो उनके जुड़े संस्मरणो का साहित्य स्कूल में रखवा देना चाहिये था, ताकि स्कूल में नाम के साथ साथ अमिताभ के बारे में स्कूल स्टुडेंट्स बेहतर ढंग से जान और समझ सकें। इस स्कूल का निर्माण इटावा जिले के सैफई में मुलायम सिंह यादव के पहले मुख्यमंत्रित्वकाल 1990 में कराया गया था। बाद में खुद मुलायम सिंह यादव ने ही स्कूल के नाम के आगे अमिताभ बच्चन जुड़वा दिया था।
उत्तर प्रदेश मे जब राष्ट्रपति शासन लगा हुआ था, उसी समय 27 फरवरी 1997 को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रोमेश भंडारी ने सैफई में अभिताभ बच्चन इंटर कॉलेज के मुख्य गेट का उद्घाटन किया था। इस मौके पर खुद महानायक अभिताभ बच्चन, उनकी पत्नी जया बच्चन और रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव समेत कई दिग्गज मौजूद रहे। स्कूल के स्टुडेंट्स के साथ साथ स्कूल के अध्यापक अमिताभ का जन्मदिन स्कूल में न मनाए जाने से नाखुश हैं।
अमिताभ को मिले भारत रत्न
स्कूल के छात्र प्रशांत का कहना है कि महानायक अमिताभ बच्चन इस मुकाम पर आ चुके हैं कि वह भारत रत्न के असल हकदार हैं, उनके जन्मदिन पर उनको हम इसी तरह से बधाई देने की बात कह सकते हैं। ऐसा नही है कि सिर्फ प्रशांत की ही चाहत है कि अमिताभ को भारत रत्न मिले। स्कूल के कई और स्टुडेंट्स भी महानायक को भारत रत्न दिए जाने की वकालत करते हैं।
सिर्फ नाम रखने से नहीं चलने वाला काम
अमिताभ बच्चन इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य अमरनाथ दीक्षित का कहना है कि स्कूल में 213 छात्र हैं, चार शिक्षक हैं। विज्ञान, कला, व्यवासियक और वाणिज्यक वर्ग का संचालन होता है। उनको इस बात का दुख है कि उनके स्कूल का नाम तो अमिताभ बच्चन के नाम पर जरूर रखा गया है, लेकिन स्कूल में ना तो सरकारी या फिर गैर सरकारी स्तर पर उनका जन्म दिन मनाया जाता है। ऐसे मे सिर्फ स्कूल का नाम ही उनके नाम पर से होने से काम नहीं चलने वाला है। कॉलेज के दूसरे शिक्षक हरीमोहन का कहना है कि इस स्कूल में अमिताभ बच्चन के नाम पर साहित्य रखा जाए और उनकी एक लाइब्रेरी बनाई जाए ताकि स्कूल के बच्चे उनको सिर्फ नाम से ना जाने, बल्कि उनके बारे में बारीकी से जान सकें और उनसे कुछ सीख ले सकें।
दूसरी ओर इटावा के जिला विधालय निरीक्षक राजू राणा का कहना है कि 1990 में सैफई में राजकीय इंटर कॉलेज की स्थापना की गई और 12 दिसंबर 1994 को इस राजकीय इंटर कालेज का नामकरण अमिताभ बच्चन के नाम पर कर दिया गया है, लेकिन स्कूल में उनका जन्म दिन मनाए जाने के बारे में कोई सरकारी आदेश जारी नहीं है, ऐसे में जन्म दिन मनाए जाने का सवाल ही नहीं उठता है। अगर शासन से ऐसा कोई आदेश आता है तो जन्मदिन मनाए जाने की प्रकिया शुरू कर दी जाएगी। जहां तक कॉलेज के शिक्षक और स्टुडेंट्स की ओर से जन्मदिन ना मनाए जाने पर नाखुशी का सवाल है तो कोई भी व्यक्ति अपने विचार प्रकट करने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र है, उसे रोका नहीं जा सकता है।
कई बार आ चुके हैं सैफई
मुलायम सिंह यादव कई बार कह चुके हैं कि सैफई में अमिताभ बच्चन के नाम पर जो इंटर कॉलेज है, उसको उच्चीकृत करना चाहिए। सैफई में अमिताभ बच्चन चार बार आ चुके हैं। हम चाहते हैं कि निकट भविष्य में वह फिर सैफई आएं। ऐसा नहीं है कि महानायक इटावा नहीं आए। वह और जया बच्चन कई बार सैफई आ चुके हैं। स्कूल के नामकरण के बाद भी कई बार यहां आए। वर्ष 2005 सैफई मे उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कन्या विद्याधन योजना के तहत अमिताभ स्कूली छात्राओं को सम्मानित करने के लिए आए थे। आखिर बार अभिताभ बच्चन मैनपुरी के सांसद तेजप्रताप सिंह यादव के तिलक समारोह में शामिल होने के लिए आए हुए थे।
जंजीर फिल्म से मिली कामयाबी
इलाहाबाद में जन्मे अमिताभ ने भारतीय सिनेमा जगत में अपने बेमिसाल अभिनय की छाप छोड़ी। अपनी पहली फिल्म ‘सात हिन्दुस्तानी’ के जरिए अमिताभ ने बड़े पर्दे पर कदम रखा, लेकिन उन्हें पहली सफलता मिली प्रकाश मेहरा की फिल्म ‘जंजीर’ से। इसके बाद पर्दे पर उन्होंने एंग्रीयंग मैन को जिया जिसे दर्शकों का खूब प्यार मिला। उनकी आवाज ऐसी बुलंद मानी जाती है जो किसी भी कार्यक्रम को हिट करने के लिए काफी समझी जाती है। अभिताभ बच्चन केबीसी के ताजा संस्करण में भी नजर आ रहे हैं। 8 नवंबर को उनकी फिल्म ‘ठग ऑफ हिंदुस्तान’ रिलीज होने जा रहे है जिसमें आमिर खान भी नजर आएंगे।