script30 जून तक शिक्षकों काे करना होगा ये जरूरी काम नहीं तो रूक जाएगी जून माह की सैलेरी | Govt teachers will have to submit propert details till June 30 | Patrika News

30 जून तक शिक्षकों काे करना होगा ये जरूरी काम नहीं तो रूक जाएगी जून माह की सैलेरी

Published: Jun 25, 2018 01:23:38 pm

जारी आदेश के अनुसार फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड ग्रेड के शिक्षको को 30 जून 2018 तक अपनी संपत्ति की जानकारी निदेशालय के समक्ष प्रस्तुत करनी होगी।

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30 जून तक शिक्षकों करना होगा ये जरूरी काम नहीं तो रूक जाएगी जून माह की सैलेरी

सरकारी अध्यापक की रोजी रोटी की झुगाड़ उसके तनख्वाह से चलता है लेकिन जब उसे यह पता चले कि अगले माह से सैलेरी नहीं मिलेगी तो जरा सोचों उसके दिल पर क्या बीतेगी। ऐसी ही एक होश उड़ाने वाली खबर है हरियाणा सरकार में काम कर रहे शिक्षकों के लिए। हरियाणा सरकार ने अपने यहां सभी अध्यापकों को अपनी संपत्ति को ब्यौरा देना का फरमान सुनाया है। इस खबर के आने के बाद शिक्षको में हडकंप से मच गया है। शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर संपत्ति की जानकारी मांगी है। जारी आदेश के अनुसार फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड ग्रेड के शिक्षको को 30 जून 2018 तक अपनी संपत्ति की जानकारी निदेशालय के समक्ष प्रस्तुत करनी होगी। इस आदेश के पालन नहीं करने की स्थिति में संबंधित शिक्षक की जून माह की सैलेरी रोक दी जाएगी।
आपको बता दें फर्स्ट ग्रेड में डीईओ,डीईईओ व डाइट प्रिंसिपल आते हैं। सेकेंड रैंक में प्रिंसिपल, डिप्टी डीईओ, लेक्चरर, हेडमास्टर व बीईओ और थर्ड रैंक में जेबीटी व पीजीटी आते हैं। मिले आदेश के अनुसार शिक्षकों से जमीन, नकदी, ज्वेलरी व कार से लेकर घर के इलेक्ट्रानिक सामान की पूरी जानकारी मांगी गई है। इसके लिए निदेशालय ने दो पेज का चल और अचल संपत्ति के लिए अलग-अलग प्रपत्र भी जारी किया है। शिक्षकों को निर्धारित कालम को भरते हुए पूरी जानकारी देनी होगी। आपको बता दें प्रदेश के स्कूलों में करीब 2.70 लाख का स्टाफ है।
फर्स्ट, सेकेंड व थर्ड रैंक के टीचर्स को संपत्ति का ब्योरा देने का नियम प्रदेश सरकार ने दिसंबर 2015 में बनाया था, लेकिन टीचर्स ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। नियम के अनुसार टीचर्स को अपनी सालाना प्रॉपर्टी पर रिटर्न भरना होता है, लेकिन शिक्षकों ने 2015 के बाद से प्रॉपर्टी का रिटर्न नहीं भरा। इस कारण अब शिक्षा निदेशालय ने उनका जून का वेतन रोकते हुए प्रॉपर्टी की जानकारी मांगी है।
सरकार ने शिक्षकों से जो जानकारी मांगी है उसमें स्थायी भूमि के सारे हित, स्वामित्व, पैतृक तौर पर प्राप्त जमीन की जानकारी के अलावा कैश, ज्वैलरी, डिपॉजिट, इंश्योरेंस पॉलिसी, शेयर, सिक्योरिटी, लॉन और एडवांस सहित कितनी मोटरसाइकिल, गाडिय़ां, घोड़े, रेफ्रिजरेटर व रेडियोग्राम सहित अन्य इलैक्ट्रानिक सामान जैसे फ्रिज, कूलर व एसी आदि चीजें शामिल है। शिक्षा निदेशालय का पत्र मिलने के बाद जिला शिक्षा अधिकारियों ने इसे खंड शिक्षा अधिकारियों को भेज दिया है।
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