भारतीय मूल के 16 वर्षीय ब्रिटिश छात्र हसन पटेल माता-पिता और दो भाइयों के साथ दो बेडरूम के फ्लैट में ईस्ट लंदन में रहते हैं। फिलहाल ये जॉर्ज मिशेल स्कूल में ए-लेवल की पढ़ाई कर रहे हैं। इनके पिता जब ब्रिटेन गए तो उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वे घर-परिवार का खर्च उठा सकें। पिछले साल एक राजनीतिक पार्टी के सम्मेलन में इन्हें पहली बार बोलने का मौका मिला और जिसने भी इन्हें सुना वह हैरान रह गया। इसके बाद देश और जनता की समस्याओं को लेकर लगातार सवाल उठाते रहे जिसकी बदौलत पूरा ब्रिटेन इन्हें युवा नेता के रूप में जानने लगा है। इनकी आगे की पढ़ाई के लिए सरकार की ओर से करीब 62 लाख रुपए (76 हजार यूरो) की धनराशि छात्रवृत्ति के तौर मिली है।
इसके बाद लोगों ने कहा कि सरकार पैसे का लालच देकर इनकी आवाज को दबाना चाहती है। इसके बाद इन्होंने सफाई दी कि ये सरकारी मदद से अपनी आगे की पढ़ाई करेंगे ताकि जनता के मुद्दो को भविष्य में और बेहतर तरीके से उठा सकें। ये अपनी ए लेवल की पढ़ाई इतिहास, भूगोल और राजनीति शास्त्र के विषय से इटॉन बोर्डिंग स्कूल से पूरी करना चाहते हैं। इनके शिक्षक सैय्यद हुसैन इन्हें ब्रिटेन का सबसे प्रभावशाली युवा मानते हैं। हर तरह के मुद्दो पर अच्छी समझ रखने के साथ उसपर अपनी बेबाक राय रखने की हिम्मत रखते हैं। हर मौके को भुनाना जानते हैं और भविष्य में अच्छा करेंगे।