शिक्षा मित्रों की ओर से संयुक्त पीठ को बताया गया कि शिक्षा मित्र के रूप में उनका चयन शिक्षा के अधिकार अधिनियम से पूर्व किया गया है। इस प्रक्रिया को अपनाने से पहले सरकार ने शिक्षा मित्रों के चयन के लिए केन्द्र एवं एनसीटीई से अनुमति भी ली है। उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में शिक्षा मित्रों के मामले में स्थितियां काफी भिन्न हैं। इससे पहले शिक्षा मित्रों के मामले में सरकार को एकलपीठ से भी झटका लग चुका है।
एकलपीठ ने मामले की सुनवाई के बाद शिक्षा के अधिकार अधिनियम का हवाला देते हुए बिना टीईटी पास Shiksha Mitra के मायोजन को गलत करार दिया था और सरकार की ओर से जारी शासनादेश को निरस्त कर दिया था। संयुक्त पीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद विगत नौ अगस्त को इस मामले में निर्णय सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद आज संयुक्तपीठ की ओर से निर्णय जारी किया गया। जिसमें पीठ ने सरकार को उच्चतम न्यायालय की निर्देश के तहत कदम उठाने को कहा है।
आठ हजार शिक्षकों का हो सकेगा पदस्थापन
जयपुर। राजस्थान के शिक्षा एवं पंचायती राज राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा है कि वर्ष 2013 के तृतीय श्रेणी शिक्षकों की काउंसलिंग इस महीने के अंत तक की जाएगी, जिसके तहत राज्य सरकार द्वारा लगभग आठ हजार शिक्षकों के पदस्थापन को सुनिश्चित किया जा सकेगा। देवनानी बुधवार को तृतीय श्रेणी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय अध्यापक भर्ती प्रकरणों से संबंधित समीक्षा बैठक में बोल रहे थे।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शिक्षक भर्ती से संबंधित वर्ष 2012 के जितने भी बकाया प्रकरण है, उनके संबंध में जल्द समाधान कर अभ्यर्थियों को लाभान्वित किया जाए। उन्होंने कहा कि विभाग में शिक्षकों की भर्ती से संबंधित कोई भी प्रकरण बकाया नहीं रहे, इस संबंध में सभी स्तरों पर समुचित कार्यवाही की जानी चाहिए। उन्होंने शिक्षकों की भर्ती प्रकरणों की समीक्षा करते हुए कहा कि नवीन पदों की भर्ती के संबंध में भी बाधाओं को जल्द दूर किया जाएगा।