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विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप विकसित हो उच्च शिक्षा संस्थान : पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी

locationजयपुरPublished: Jan 21, 2019 01:37:04 pm

पूर्व राष्ट्रपति डॉ. प्रणव मुखर्जी ने रविवार को कहा कि देश के उच्च शिक्षा एवं तकनीकी संस्थानों को विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप विकसित करना होगा।

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Pranab Mukherjee

पूर्व राष्ट्रपति डॉ. प्रणव मुखर्जी ने रविवार को कहा कि देश के उच्च शिक्षा एवं तकनीकी संस्थानों को विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप विकसित करना होगा। डॉ. मुखर्जी ने श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में पटना विश्वविद्यालय के वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप देश के उच्च शिक्षा और तकनीकी संस्थानों को विकसित करना होगा। उच्च शिक्षा को रोजगार और कौशल-उन्नयन से जोड़कर ही देश के नवनिर्माण की वास्तविक परिकल्पना की जा सकती है।

पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों को आधुनिक ज्ञान-विज्ञान से स्वयं को जोड़कर चलना होगा। यह संतोष की बात है कि बिहार और तेजी से प्रगति कर रहा है। बिहार की विकास दर आज राष्ट्रीय औसत से भी ज्यादा है। इस मौके पर बिहार के राज्यपाल एवं कुलाधिपति लालजी टंडन ने कहा कि राज्य में विश्वविद्यालयीय शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए कुछ ठोस और सार्थक कदम उन्होंने उठाए हैं। विश्वविद्यालयों में अकादमिक एवं परीक्षा कैलेंडर के अनुरूप समय पर नामांकन, परीक्षा का आयोजन, परीक्षाफल प्रकाशन तथा डिग्री-वितरण के लिए दीक्षांत समारोहों के आयोजन हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन सूचना प्रणाली (यूएमआईएस) इस वर्ष से लागू होने जा रहा है, जिससे छात्र एवं शिक्षक काफी लाभान्वित होंगे। कुलाधिपति ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में रोजगारपरक वैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी प्रारंभ किए जा रहे हैं, जिनके द्वारा विद्यार्थियों को विश्वविद्यालयों से निकलते ही रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। भारतीय संस्कृति के अनुरूप ‘दीक्षांत समारोह’ के लिए नई परिधान-व्यवस्था कार्यान्वित कर दी गई है।

उन्होंने कहा, मुझे जानकर खुशी है कि पटना विश्वविद्यालय में पढऩे वाले स्टुडेंट्स में 50 प्रतिशत से अधिक छात्राएं हैं। पटना विश्वविद्यालय बिहार में महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक नया इतिहास रचने की ओर अग्रसर है। आज के दीक्षांत-समारोह में भी 80 प्रतिशत से अधिक ‘गोल्ड मेडल’ बेटियों को मिला है। यह पूरे राज्य के लिए गौरव की बात है। टंडन ने आगे कहा, पूर्व राष्ट्रपति डॉ. मुखर्जी के बिहार आगमन से उच्च शिक्षा के विकास प्रयासों को गति मिलेगी। उनका मुझे काफी दिनों तक सौजन्य और साहचर्य मिला है। वे एक महान शिक्षाविद् हैं, उनके विद्वतापूर्ण उद्बोधन और उनके हाथों पटना विश्वविद्यालय के छात्रों को डिग्रियां प्राप्त होने से विश्वविद्यालय गौरवान्वित हुआ है। डॉ. मुखर्जी के दीक्षांत भाषण में दिए गए सुझावों के आलोक में राज्य में विश्वविद्यालयीय शिक्षा को विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप विकसित करने में पर्याप्त मदद मिलेगी। डॉ मुखर्जी वैसे कुछ महान व्यक्तियों में हैं, जिनपर देश गर्व कर सकता है।

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