सर्वप्रथम दिनभर में समय को बांटकर तैयारी का स्वरूप बनाना।
विषयवार समय का संतुलन बनाएं।
बोर्ड द्वारा जारी समय सारणी को ध्यान में रखते हुए विषयवार, दिन-वार विषयों की पुनरावृत्ति का समायोजन करना।
अपनी पाठ्य-पुस्तक के अध्यायों के मुख्य बिन्दुओं को अलग से नोट्स के रूप में तैयार करना।
अंक विभाजन के अनुसार अध्यायों को समय देना।
विद्यार्थी जब पढऩे बैठता है तो उसके मन में कई विचार आते हैं जैसे कौनसा विषय पढ़ें? कितने समय तक पढ़े? इन विचारों को सोचकर समय खराब न करें, टाइम टेबल बनाएं।
एक ही विषय को सारे दिन नहीं पढ़कर थोड़ा-थोड़ा समय सभी विषयों को दें ताकि पढ़ाई बोझिल न लगे।
अक्सर देखा जाता है कि विद्यार्थी परीक्षा के दौरान पर्याप्त नींद नहीं लेते, जो कि गलत है। यदि तैयारी सालभर की जा चुकी है तो अब केवल पुनरावृति करने की जरूरत है इसलिए खुद पर दबाव न बनाएं। दिनचर्या में खेल, नींद, घूमना आदि का समय निर्धारित करें।
पढ़ाई के साथ-साथ खाने-पीने का भी ध्यान रखें। ज्यादातर स्टूडेंट्स सोचते हैं कि ज्यादा खाने से नींद आती है तो ऐसा नहीं है। शरीर को जरूरी ऊर्जा के लिए भोजन और तरल पदार्थ की जरूरत होती है।
कई बच्चे एक ही पाठ को लंबे समय तक पढ़ते रहते हैं ऐसा न करें, बोर्ड द्वारा जारी मॉडल के आधार पर अति-लघुत्तरात्मक, लघुत्तरात्मक व निबंधात्मक प्रश्नों के निर्धारित अध्यायों को ध्यान में रखकर अध्ययन करें।
पुराने प्रश्न-पत्र एवं मॉडल पेपर्स को हल करने का प्रयास करें। इससे परीक्षा के दौरान समय निर्धारण में मदद मिलेगी।
पाठ्य-पुस्तक के अध्यायों के अंत में दिए गए अहम बिंदुओं का अध्ययन गहनता से करें ताकि छोटे प्रश्नों के उत्तर याद करने में और निबंधात्मक प्रश्नों के मुख्य बिंदुओं की तैयारी आसानी से हो सके।
परीक्षा देने जाने से कम से कम 2 घंटे पहले पढ़ाना बंद कर दें। वर्ना अंतिम समय में आत्मविश्वास डगमगा सकता है।
परीक्षा कक्ष में बरती जाने वाली सावधानियां …
परीक्षा कक्ष में बैठने के बाद मिले पेपर को सावधानीपूर्ण पूरा पढ़ें।
यदि तैयारी अच्छी है तो प्रश्न-पत्र को लेकर मन में डर न आने दें।
सर्वप्रथम उसी प्रश्न का उत्तर लिखें जिसका उत्तर आपको पूर्णरूप से सही से आता हो क्योंकि इससे आपका आत्मविश्वास बना रहेगा जिससे शुरुआत से ही सही जबाव लिखने पर मनोवृति बनी रहेगी।
जिस प्रश्न का उत्तर जितने शब्दों में पूछा जाए उतना ही जबाव दें।
आंकिक प्रश्नों, मानचित्र से संबंधित प्रश्नों, आरेख, चित्र सहित वर्णन आदि प्रकार के प्रश्नों का सावधानीपूर्वक एवं स्वच्छता के साथ जवाब दें क्योंकि इनमें पूरे अंक प्राप्त किए जा सकते हैं।
अक्सर सभी प्रश्नों का जवाब आने के बावजूद विद्यार्थी को कुछ सवाल छोडऩे पड़ते हैं। ऐसे में समय प्रबंधन बहुत जरूरी है।
अक्सर स्टूडेंंट्स जिस प्रश्न का उत्तर नहीं आता है उसके बारे में विचार कर समय खराब कर देते हैं। ऐसे में जिसका उत्तर आता है उसे पहले करें, बाकी को अंतिम समय में हल करें।