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तीन सरकारी नौकरीयां छोड़ने के बाद, सनी देओल की बदौलत बना IPS ऑफिसर, जानें इनकी कहानी

locationजयपुरPublished: Feb 17, 2019 01:30:18 pm

Submitted by:

Deovrat Singh

IPS Manoj Kumar Rawat

IPS Manoj Kumar Rawat

IPS Manoj Kumar Rawat

success story : मंजिल उसी को मिलती है जो अपने सपनों को साकार करने के लिए जूनून पाल लेते हैं। जूनून और आत्मविश्वास पैदा किया जाता है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए ऐसे लोग प्रेरणा के तौर पर पहचाने जाते हैं। आज हम बात कर रहें है जयपुर जिले में विराट नगर तहसील के श्यामपुरा गांव के रहने वाले मनोज रावत की। मनोज के जूनून और उसकी मेहनत ने उसे आईएएस बना दिया। सिविल सर्विसेज एग्जाम में 29 वर्ष की आयु में मनोज ने 824 वीं रैंक हासिल की थी। आईएएस की तैयारी करने वाले अभ्यर्थी का चयन अन्य कई नौकरियों में भी होता है जिसे वो ज्वाइन भी करते हैं और साथ ही मंजिल को भी ध्यान में रखते हैं। मनोज ने सफलता का पहला श्रेय अपनी मां को और फिर पेशे से प्राइमरी टीचर पिता सोहनलाल को दिया। घरवालों के संघर्ष और सहयोग से ही मनोज को मंजिल हासिल हुई। रावत बताया था कि वह सनी देओल से काफी इंस्पायर थे। उन्होंने सनी देओल की फिल्म कई बार ‘इंडियन’ देखी थी। इस फिल्म को देखने के बाद ही उनमें IPS बनने की इच्छा जाग्रित हुई। बहुत से किरदार होते हैं जो इंसान अपने जहन में बिठा लेता है। ऐसे ही सनी देओल का ‘इंडियन’ वाला किरदार मनोज को इस कदर अच्छा लगा कि प्रेरणा लेकर मुकाम हासिल किया।
35 मिनट लम्बा चला था साक्षात्कार
मनोज का इंटरव्यू करीब 35 मिनट तक चला। इंटरव्यू बोर्ड ने एजुकेशन को लेकर एक के बाद एक प्रश्न पूछे, देश-विदेश के समसामयिक ज्वलंत मुद्दों को सामने रखा गया। इनमें भारत-चीन संबंधित प्रश्न, विदेश सेवा से जुड़े प्रश्न थे। इंटरव्यू के बाद थोड़ा असहज महसूस हुआ था, क्योंकि इंटरव्यू में बहुत समय लिया गया था।
पुलिस की नौकरी छोड़ ज्वाइन की लिपिक की नौकरी
मनोज ने पुलिस की नौकरी छोड़कर कम सेलेरी वाली क्लर्क की नौकरी ज्वाइन की थी। साक्षात्कार में पूछा गया था कि आपने पुलिस की नौकरी छोड़ कम तनख्वाह वाली नौकरी ज्वाइन की और सीआईएसएफ क्यों ज्वाइन नहीं किया। मनोज ने इसका बेहतरीन जवाब दिया और कहा सर, देश की सर्वोच्च सेवा से जुड़ने का मेरा सपना था। इसके लिए मुझे सबकुछ छोड़ना पड़ा। दरअसल देखा जाए तो पुलिस की नौकरी में तैयारी के लिए समय कम मिल पाता है। मनोज के सामने एक सवाल ये भी था की क्या पदोन्नति में आरक्षण होना चाहिए? इसके जवाब में मनोज ने कहा की सरकारी सेवा में पदोन्नति योग्यता के आधार पर होनी चाहिए।
आरक्षण को लेकर मनोज से सवाल पूछा गया की क्रीमीलेयर की व्यवस्था कैसी है।
मनोज ने जवाब दिया की आरक्षण में क्रीमीलेयर की व्यवस्था होनी जरुरी है। क्रीमीलेयर लागू होने से वंचित समाज के उस हिस्से को भी मुख्य धारा में लाया जा सकेगा। आपको बता दें कि मनोज ने 2008 में राजस्थान पुलिस बतौर पुलिस कांस्टेबल ज्वाइन की थी। पांच साल नौकरी करने के बाद कम सैलरी वाली लिपिक की नौकरी ज्वाइन की। आईएएस की तैयारी करते वक्त सीआईएसएफ में मनोज का बतौर असिस्टेंट कमांडेंट चयन हो गया, लेकिन उसे मनोज ने ज्वाइन नहीं किया। दिल्ली जाकर आईएएस की पढ़ाई शुरू कर दी। तैयारी के दौरान ही नेट, जेआरएफ की डिग्री भी हासिल कर ली। आखिरकार मनोज की मेहनत ने सिविल सर्विसेज 2017 में उनका IPS बनने का सपना पूरा कर ही दिया।
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