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आज से ही बच्चों के लिए करें ये काम, आएंगे अच्छे मार्क्स

locationजयपुरPublished: Apr 17, 2019 04:16:59 pm

इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर पैरेंटस् को यह पता चल जाता है कि साल के अंत में हमारे बच्चे की परफॉर्मेंस कैसी रहेगी।

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बच्चों का नया एकेडमिक सेशन शुरू हो गया है। ऐसे समय में बच्चों की स्लीप साइकल बनाना बहुत जरूरी है। कुछ दिनों बाद गर्मियों की छुट्टी लग जाएगी और उसके बाद फिर से पढ़ाई शुरू होगी। इस सेशन में और पूरे साल के लिए बच्चों की कुछ आदतों के साथ ही पैरेंट्स यदि कुछ छोटी-छोटी चीजों का ध्यान रखेंगे तो बच्चों में बहुत कुछ बदलाव ला सकते हैं।

इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर पैरेंटस् को यह पता चल जाता है कि साल के अंत में हमारे बच्चे की परफॉर्मेंस कैसी रहेगी। काउंसलर्स के अनुसार बहुत सी बातें ऐसी होती हैं जिनका पैरेंट्स ध्यान ही नहीं रखते और बाद में खुद ही कहते है कि हमारा बच्चा पढ़ता नहीं है या बच्चे का ध्यान पूरे समय मोबाइल में ही लगा रहता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार पैरेंट्स रोजमर्रा की चीजों को ही थोड़ मैनेज कर ले तो बच्चे में अचानक ही परिवर्तन आ सकता है।

सोने के एक घंटे पहले स्क्रीन ऑफ
बच्चों के सोने के एक घंटे पहले स्क्रीन ऑफ कर देना चाहिए। इससे बच्चों को जल्दी और अच्छी नींद आती है। स्क्रीन ऑफ का मतलब होता है मोबाइल, टीवी को सोने के एक घंटे पहले बंद कर देना चाहिए।

हैल्दी हो फूड हैबिट्स
बच्चों को हेल्दी फूड हैबिट्स देना चाहिए। हैल्दी फूड हैबिट से मतलब है कि कि खाने में शुगर तथा सॉल्ट को अवॉइड करना चाहिए। बच्चों को टिफिन में भी स्प्राउट के साथ-साथ हरी सब्जियां देनी चाहिए। शाम को बच्चे खेल कर या पढ़कर आते हैं तो उन्हें स्प्राउट फलों के साथ मिला कर दे सकते हैं।

स्क्रीन टाइम को रिलीज और कंट्रोल करना है जरूरी
बच्चों के स्क्रीन टाइम रिलीज को कंट्रोल करना चाहिए। इसके ये अर्थ है कि बच्चों के लिए टीवी और मोबाइल टाइम फिक्स होना चाहिए। एक टाइम जोन बना देना चाहिए, इससे बच्चों के दिमाग में भी ये चीजें क्लियर रहती हैं कि हमें इतने समय तक ही टीवी और मोबाइल के पास रहना है।

बुक रीड़ करते हैं तो नींद अच्छी आती है
रात को सोने के पहले बच्चों को बुक रीड करनी की आदत डलवानी चाहिए। इससे बच्चों में पैरेंट्स के साथ अटैचमेंट बढ़ता है, बच्चों के वोकेवलरी कैपेसिटी भी बढ़ती है।

डेली पैरेंटिंग करना है जरूरी
बच्चों को डेली पैरेंटिंग करना बहुत जरूरी होता है। डेली पैरेंटिंग में बच्चों की रोज डायरी चेक करना, उनके साथ बैठकर होमवर्क चेक करना, बैठकर सवाल करना, बच्चों से उनकी डेली रूटीन के साथ ही फ्रेंड्स की सारी बातों को पूछना चाहिए। ऐसा करने से आप सात के अंत में रिजल्ट को लेकर सरप्राइज होंगे।

करें पैरेंटल सुपरविजन
बच्चों के फ्रेंड्स के पैरेंट्स के संपर्क में रहना चाहिए। इसके साथ ही उन्हें समय-समय पर जनरल नॉलेज की एग्जाम दिलवाने चाहिए। बच्चों को उनके काम स्वयं ही करने देने चाहिए, जैसे अपने बिस्तर को साफ करना, अपने कपड़े सही रखना, घर की डस्टिंग में सहयोग करना आदि। इससे बच्चे में हार्ड वर्क की समझ आएगी और उसमें चीजों को समझने की कैपिसिटी भी डवलप होगी।

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