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TOEFL: दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए हैं जरूरी, जानें डिटेल्स

TOEFL (टेस्ट ऑफ इंग्लिश फॉरेन लैंग्वेज) टेस्ट का उद्देश्य स्टूडेंट्स की स्टैंडर्ड अमरीकन इंग्लिश पर कैसी पकड़ है, यह जानना होता है।

Apr 21, 2019 / 01:44 pm

सुनील शर्मा

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अमरीका समेत कई देशों में पढ़ाई करने वाले युवाओं के लिए toefl (टेस्ट ऑफ इंग्लिश फॉरेन लैंग्वेज) देना होता है। इस टेस्ट का उद्देश्य स्टूडेंट्स की स्टैंडर्ड अमरीकन इंग्लिश पर कैसी पकड़ है, यह जानना होता है। यह टेस्ट उन्हीं छात्रों को देना पड़ता है जिनकी मातृभाषा इंग्लिश नहीं है और जो इंग्लिश को सेकंड लैंग्वेज के तौर पर यूज करते हैं।

इसमें विश्व के करीब 130 से ज्यादा देश हैं जहां के छात्रों को यह टेस्ट पास करना जरूरी है। इनमें भारत भी शामिल है। टॉफेल को विश्व के करीब 7,500 से ज्यादा कॉलेज/यूनिवर्सिटीज़ मान्यता देती हैं। अमरीका के लगभग 2500 कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में दाखिले के लिए यह टेस्ट देना जरूरी होता है। टॉफेल का आयोजन अमरीकी संस्था ‘एजुकेशनल टेस्टिंग सर्विस (ETS)’ कराती है।

जानें टेस्ट फॉर्मेट के बारे में
टॉफेल टेस्ट दो तरीके से होता है। इसमें ऑनलाइन यानी इंटरनेट बेस्ड टेस्ट जिसे टॉफेल आइबीटी फॉर्मेट कहते हैं और दूसरा, पेपर बेस्ड टेस्ट, जिसे टॉफेल पीबीटी फॉर्मेट कहा जाता है। अभ्यर्थी अपनी सुविधा के अनुसार कोई भी फॉर्मेट को चुन सकता है। अधिकतर छात्र इंटरनेट बेस्ट टेस्ट का ऑप्शन चुनते हैं।

इंटरनेट बेस्ड टेस्ट
इसके माध्यम से विश्वविद्यालय लेवल पर बोली और पढ़ाई जाने वाली इंग्लिश की समझ देखा जाता है। इसमें देखा जाता है कि छात्र में इंग्लिश बोलने, सुनने, लिखने और पढऩे की क्षमता कैसी है। यह टेस्ट 4.30 घंटे का होता है। परीक्षा क्वॉर्टी बोर्ड पर होता है। अभ्यर्थी को इसकी प्रेक्टिस करनी होती है। इसमें सवालों का पैटर्न अलग होता है जैसे 700-700 शब्दों के 3-5 पैसेज और हर पैसेज पर आधारित 12-14 सवाल आते हैं। 3 से 5 मिनट के 4 से 6 लेक्चर होता है और सभी से 6 सवाल आते हैं। 3 मिनट की 2 से 3 कंवर्सेशन होती हैं जिसमें 5 सवाल आते हैं। इसी तरह किसी टॉपिक पर बोलना होता है जिसमें दो टास्क भी होता है। वहीं एक टास्क में रीडिंग और सुनने के बाद आपको उसे लिखना होता है।

पेपर बेस्ड टेस्ट
इसमें पेपर-पेन पर टेस्ट देना होता है। यह टेस्ट 3.30 घंटे का होता है। इसमें इंग्लिश में छात्र की सुनने, बोलने और अंग्रेजी ग्रामर की क्षमता का पता किया जाता है। यह टेस्ट सुविधा कुछ ही सेंटर पर ही उपलब्ध होती है। छात्र वहां साल में छह बार टेस्ट दे सकता है

टेस्ट स्कोर
टॉफेल की मार्किंग 0 से 120 प्वाइंट्स के आधार पर होती है। 90 या इससे ज्यादा माक्र्स आने पर सबसे अच्छा स्कोर माना जाता है। वैसे हर यूनिवर्सिटी अपने हिसाब से यह तय करती है कि वह टॉफेल में कितने अंक वालों को दाखिला देगी।

कैसे करें तैयारी
टॉफेल के लिए ईटीएस किताबें और ऑनलाइन मटीरियल मुहैया करवाता है। टेस्ट की तैयारी के लिए ऑनलाइन मॉक टेस्ट भी दे सकते हैं। अच्छा स्कोर पाने के लिए टेस्ट हमेशा पूरा करें। अगर पूरा न कर पाएं तो रीडिंग, लिस्निंग सेक्शन से कम-से-कम एक सवाल, राइटिंग सेक्शन से एक निबंध और स्पीकिंग सेक्शन से कम-से-कम एक टास्क जरूर पूरा करना चाहिए। अधिक जानकारी के लिए इसकी वेबसाइट https://www.ets.org/toefl देख सकते हैं।

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