रखें अपना ख्याल विदेश में जाकर सबसे अहम हो जाता है अपना ख्याल खुद रखना। स्टूडेंट्स को यह समझना जरूरी है कि वे अपने परिवार से दूर हैं, ऐसे में उनकी सेहत का ख्याल उन्हें खुद ही रखना होगा। अगर वे फिट रहेंगे, तभी पढ़ भी सकेंगे और अन्य काम भी कर सकेंगे।
जानें कौन है आपका सपोर्ट विदेश में सबसे अहम है कुछ ऐसे दोस्त बनाना, जिनमें आप अपना सपोर्ट ढूंढते हों। ताकि जब भी आप लो फील करें, या आपको घर की याद सताए, तो ये दोस्त आपका मूड ठीक करने में आपकी मदद कर सकें। दोस्तों का अपना ग्रुप होने का एक फायदा यह भी है कि आप अकेलेपन से बच जाते हैं।
हैल्दी हैबिट्स अपनाएं अक्सर देखने में आता है कि विदेश जाते ही स्टूडेंट्स बुरी आदतें पाल लेते हैं। ऐसा न करें। समय पर सोएं, समय पर उठें, हैल्दी खाना खाएं, नशों से परहेज रखें, वर्कआउट के लिए समय निकालें, एनर्जेटिक रहें। इसके अलावा यूनिवर्सिटी में होने वाले इवेंट्स में हिस्सा लें।
खुद को रखें खुश कुछ लोगों को खुद को चॉकलेट ट्रीट देकर खुशी मिलती है, कुछ को पसंदीदा किताब पढक़र। खुद को कभी कबार ट्रीट देते रहें और खुश रहना सीखें। आपके दिल को जो खुशी दे वो काम करें, हालांकि इस सब में अपने बजट का खास ख्याल रखें, ऐसा न हो कि खुद को ट्रीट देने के चक्कर में आप अपना बजट ही बिगाड़ लें।
मदद मांगें अगर आप किसी भी परेशानी में हैं तो मदद मांगें, इसमें हिचकिचाएं नहीं। अगर आप मानसिक रूप से किसी तरह की परेशानी या डिप्रेशन महसूस कर रहे हैं तो तुरंत मदद लें। आपका आईएसईपी प्रोग्राम ऑफिसर इसमें आपकी पूरी मदद करेगा। ऐसा कई बार होता है कि स्टूडेंट्स विदेश में जाकर एडजस्ट नहीं कर पाते और माता पिता को कोई परेशानी न हो इसलिए उनसे भी शेयर नहीं करते, जिसका नतीजा यह होता है कि वे डिप्रेस्ड हो जाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप डॉक्टर की मदद लें।