अधिकारियों ने कहा है कि 23 आईआईटी में सीटों पर प्रेवश एचआरडी मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार अतिरिक्त हुआ है। इसका अर्थ यह है कि कमजोर वर्गों के लिए रखी गईं लगभग 620 सीटें भी भर गई हैं। यह पहला साल है जब आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण लागू किया गया है। पिछले साल आईआईटी में 118 सीटों का कोई ग्राहक नहीं था। 2017 में 110 सीटें खाली थीं, 2016 में 96 सीटें, 2015 में 32 सीटें, 2014 में तीन और 2013 में 149 सीटें खाली रह गई थीं। अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय ने खाली सीटों को भरने के लिए उचित उपाय सुझाने के लिए एक समिति गठित की है।