इंस्टीट्यूट ने बच्चों के लिए जॉब अपॉच्र्यूनिटीज बढ़ाने के उद्देश्य से नई व्यवस्था की है। अब एग्जीक्यूटिव पास करने वाले कैंडिडेट्स को ‘सेक्रेटेरियल एग्जीक्यूटिव’ का सर्टिफिकेट मिलेगा। इस आधार पर वे जॉब्स कर सकेंगे। अब तक सीएस प्रोफेशनल (फाइनल) पास करने वालों को ही इंस्टीट्यूट की ओर से डिग्री दी जाती थी और वे ही अपने नाम के आगे सीएस लगा सकते थे। अब सीएस फाइनल पास नहीं कर पाने वाले स्टूडेंट्स भी ‘सेक्रेटेरियल एग्जीक्यूटिव’ सर्टिफिकेट होल्डर होंगे और अपने नाम के आगे ‘सेक्रेटेरियल एग्जीक्यूटिव’ लगा सकेंगे। नया पैटर्न सिर्फ सीएस न्यू कोर्स पर लागू होगा। ओल्ड स्कीम वाले स्टूडेंट्स के लिए पहले की तरह फाउंडेशन एग्जाम रहेगा। ओल्ड स्कीम में रजिस्टर्ड स्टूडेंट्स रजिस्ट्रेशन वैलिड रहने तक फाउंडेशन एग्जाम दे सकेंगे।
सालभर चलेंगे CSEET के रजिस्ट्रेशन
आइसीएसआइ जयपुर चैप्टर के चेयरमैन नितिन होटचंदानी ने बताया कि CSEET का पहला ऑनलाइन अटैम्प्ट 9 मई को आयोजित होगा। स्टूडेंट्स 15 अप्रेल तक रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। रिजल्ट 20 मई को डिक्लेयर होगा। पहले अटैम्प्ट में पास होने वाले बच्चे दिसंबर में आयोजित होने वाले एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम के सभी पेपर दे सकेंगे। दूसरे अटैम्प्ट के लिए 21 मई से 15 जून तक रजिस्ट्रेशन होंगे। एग्जाम 4 जुलाई और रिजल्ट 20 एग्जाम 7 नवंबर को, रिजल्ट 20 नवंबर को आएगा। इसमें पास होने वाले कैंडिडेट्स जून में आयोजित होने वाले एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम के ऑल पेपर्स दे सकेंगे। 21 नवंबर से 15 दिसंबर तक जनवरी अटैम्प्ट के रजिस्ट्रेशन होंगे। एग्जाम 9 जनवरी, 2021 को आयोजित होगा और रिजल्ट 20 जनवरी को आएगा।
ग्रेजुएट को भी देना होगा CSEET
इंस्टीट्यूट के अनुसार, अब ग्रेजुएट स्टूडेंट्स को भी CSEET एग्जाम देना होगा। इसके बाद ही वे एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम के लिए एलिजिबल होंगे। पहले ग्रेजुएट स्टूडेंट्स को फाउंडेशन एग्जाम नहीं देना होता था, वे सीधे ही एग्जीक्यूटिव एग्जाम दे सकते थे। नई व्यवस्था के अनुसार अब केवल सीए फाइनल और सीएमए फाइनल कर चुके कैंडिडेट्स को ही CSEET में छूट होगी, वे सीधे एग्जीक्यूटिव दे सकेंगे। इसके लिए उन्हें पांच हजार रुपए की एग्जम्पशन फीस देनी होगी। एग्जम्पशन फी नहीं देने पर उन्हें भी CSEET देना होगा।
करनी होगी दो साल की ट्रेनिंग
एक्सपर्ट राहुल शर्मा ने बताया कि अब सभी सीएस स्टूडेंट्स को एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम के बाद दो साल की ट्रेनिंग करनी होगी। पहले स्टूडेंट्स के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम अलग-अलग थे। एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम के साथ ट्रेनिंग तीन साल की, प्रोफेशनल के साथ दो साल की और प्रोफेशनल के बाद एक साल की ट्रेनिंग होती थी। अधिकतर स्टूडेंट्स फाइनल के बाद एक साल की ट्रेनिंग ही ऑप्ट करते थे।
हर सेक्शन में 40% और ओवरऑल 50% मार्क्स
सीएस एग्जीक्यूटिव एंट्रेंस टेस्ट के चार पेपर होंगे। इसमें ‘बिजनेस कम्यूनिकेशन’, ‘लीगल एप्टीट्यूट एंड लॉजिकल रीजनिंग’, ‘इकोनॉमी एंड बिजनेस एनवायर्नमेंट’ और ‘करंट अफेयर्स प्रजेंटेशन एंड कम्यूनिकेशन स्किल’ पेपर से सवाल आएंगे। हर सेक्शन से 50-50 मार्क्स के सवाल होंगे। पास होने के लिए हर सेक्शन से मिनिमम 40 परसेंट मार्क्स और ओवरऑल 50 परसेंट मार्क्स लाने होंगे।
एंट्रेंस के बाद एग्जीक्यूटिव में हो सकेंगे अपीयर
आइसीएसआइ जयपुर चैप्टर के पूर्व चेयरमैन राहुल शर्मा ने बताया कि नए पैटर्न के बाद अब स्टूडेंट्स का एक साल बच सकेगा। पहले फाउंडेशन के लिए रजिस्ट्रेशन के 8 महीने बाद ही कैंडिडेट फाउंडेशन एग्जाम में अपीयर हो सकता था और एग्जाम भी साल में दो बार जून और दिसंबर माह में होते थे। फाउंडेशन पास करने के एक साल बाद ही एग्जीक्यूटिव एग्जाम में अपीयर हो सकते थे। वहीं नए पैटर्न में अब साल में चार बार CSEET आयोजित होगा और एंट्रेंस टेस्ट क्लीयर करते ही स्टूडेंट्स एग्जीक्यूटिव में अपीयर हो सकेंगे।