मंत्री निशंक ने प्रतिष्ठा और स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले सफल विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा, आपकी उपलब्धि, आपके शिक्षकों और आपके अभिभावकों का आशीर्वाद है, जिन्होंने आपको निर्देशित किया और प्रतिष्ठा प्राप्त करने में आपकी सहायता की। उन्होंने वर्तमान समय में आवश्यक अकादमिक कार्यक्रमों को लॉन्च करने में इग्नू की विशेषज्ञता की सराहना की। उन्होंने कौशल आधारित पाठयक्रमों की चर्चा करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए उचित माहौल बनाने की दृष्टि से तैयार किए गए हैं।
भारतीय भाषाओं में पाठ्यक्रमों के विकास की पहुंच दूर तक बनाने के लिए जरूरत पर बल देते हुए निशंक ने कहा, विश्वविद्यालयों में हिंदी और संस्कृत के विकास में तेजी लाते हुए राष्ट्रीय भाषा के रूप में हिंदी को मान्यता देना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने विभिन्न विषयों का दायरा बढ़ाने के लिए बड़ी संख्या में नए अकादमिक कार्यक्रम चलाने पर इग्नू की सराहना की और कहा कि ये सभी कार्यक्रम मौजूदा समय में बहुत प्रासंगिक हैं।
समग्र पंजीकरण अनुपात में इजाफा करने के लिए भी निशंक ने इग्नू की प्रशंसा की और कहा कि यह केवल पारंपारिक शिक्षा प्रणाली के आधार पर हासिल करना कठिन है। उन्होंने विश्वविद्यालयों से आग्रह किया कि वे रोजगार केंद्रित कार्यक्रम शुरू करें और रोजगार सृजन में सहायता प्रदान करें। जुलाई, 2019 तथा जनवरी, 2020 के मौजूदा भर्ती सत्र में नए छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी का जिक्र करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर नागेश्वर राव ने कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि इग्नू उच्च शिक्षा में 30 प्रतिशत का लक्ष्य हासिल करने के केंद्र सरकार के प्रयासों के अनुरूप जीईआर में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।