अर्थव्यवस्था के डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन पर जोर देने के बावजूद, ग्रामीण-शहरी के बीच खाई बड़ी है, जिसके तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट पैठ 60 और 20 प्रतिशत है। इस वजह से भारत की 50 प्रतिशत से अधिक आबादी शैक्षिक सेवाओं में पिछड़ गई है। अधिकांश साउथ एशिया में स्थिति समान है जहां 65 प्रतिशत आबादी के पास इंटरनेट की सीमित या कोई पहुंच नहीं है।
सम्मेलन में उन कारकों पर चर्चा की जाएगी जो प्रौद्योगिकी, नीति और व्यवहार में अंतर के लिए जिम्मेदार हैं और किस तरह प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किस तरह चच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा को सस्ती, सुलभ और सशक्त बनाया जा सके।