इंडियन एक्सप्रेस ने हाल ही यह मुद्दा उठाया था कि वर्ष 2013 जब से आईआईटी-जेईई को जेईई-एडवांस्ड बनाया गया है, तब से ही यह देखने में आया है कि कुल सीटों के मुकाबले कम से कम दो गुना स्टूडेंट्स यह परीक्षा क्वालीफाइ करते हैं। हालांकि इस केवल 18138 स्टूडेंट्स यानी कि कुल सीट्स का 1.6 गुना ही स्टूडेंट्स इस परीक्षा को क्वालीफाइ कर पाए हैं। वर्ष 2012 के बाद यह पहली बार है जब इतने कम स्टूडेंट्स यह परीक्षा क्वालीफाइ कर पाए हैं। इसे देखते हुए यह सवाल उठाया गया था कि क्यों न सप्लीमेंटरी मेरिट लिस्ट और नई कट ऑफ जारी की जाए, ताकि कुछ और स्टूडेंट्स क्वालीफाइ कर इन सीट्स के लिए अपना दावा पेश कर सकें।
यह पहली बार है जब रिजल्ट जारी होने के बाद कट ऑफ मार्क्स को रिवाइज किया जाएगा। आपको बता दें कि वर्ष 2015 में भी आईआईटी मुंबई ने कट ऑफ को कम किया था, ताकि कम से कम सीट के दो गुना स्टूडेंट्स क्वालीफाइ कर सकें, हालांकि यह सब रिजल्ट घोषित किए जाने से पहले हुआ था। इस बार आईआईटी जेईई परीक्षा का आयोजन आईआईटी कानपुर ने किया है, ऐसे में अब आईआईटी कानपुर की तरफ से सप्लीमेंटरी मेरिट लिस्ट जारी की जा सकती है। हालांकि इस मामले पर अभी जॉइंट एडमिशन बोर्ड की मीटिंग होना बाकी है। अगर नई मेरिट लिस्ट आती है तो यह उन स्टूडेंट्स के लिए खुशी की बात होगी, जिन्होंने केवल कुछ अंकों की कमी के कारण जेईई एडवांस्ड क्वालीफाइ नहीं किया था। यानी कि किस्मत ने उन्हें यह दूसरा अवसर दिया है।