शिक्षा

ITI,IOT छात्रों को अगले सत्र से मिलेगी आॅनलाइन सर्टिफिकेट अौर मार्कशीट की सुविधा

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Published: December 10, 2017 07:10:16 pm
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इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट ( ITI ) और इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ( IOT ) में पढ़ने वाले छात्रों को अगले सत्र से सर्टिफिकेट के लिए कॉलेजों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। अब छात्रों को सभी सर्टिफिकेट और मार्कशीट ऑनलाइन ही मिलेगी।
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छात्रों को सर्टिफिकेट और मार्कशीट मुहैया कराने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (BTE )दिल्ली एक डिजिटल डिपोजिटरी तैयार करेगी। नेशनल अकादमिक डिपोजिटरी (NAD) के साथ मिलकर बीटीई आईटीआई और ओईओटी के छात्रों के लिए सभी प्रमाणपत्रों और मार्कशीट के लिए डिजिटल डिपोजिटरी तैयार करेगी।
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इसके लिए डायरेक्टोरेट ऑफ ट्रेनिंग एंड टेक्निकल एजुकेशन (डीटीटीई) ने बीटीई के लिए एनएसडीएल डाटाबेस मैनेजमेंट लिमिटेड (एनडीएमएल) मुंबई के साथ डिजिटल डिपोजिटरी की स्थापना के लिए एक समझौता किया है। एनडीएमएल एक रजिस्टर्ड डिपोजिटरी है जिसे मानव संसाधन विकास मंत्रालय से मान्यता प्राप्त है। ये अपने सभी स्टेक होल्डरों को डिजिटल सर्टिफिकेट स्टोर करने की सुविधा उपलब्ध कराती है। उनके स्टेक होल्डर में छात्र, बोर्ड, एल्युमिनी और वेरीफायर शामिल हैं। बीटीई दिल्ली में प्रमाणपत्रों को ऑनलाइन उपलब्ध कराने के लिए और नैड की सेवाओं का इस्तेमाल करने के लिए डटीटीई और एनडीएमएल ने भी एक समझौता किया है।
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ये डिजिटल डिपोजिटरी अकादमिक रिकॉर्ड जैसे मार्कशीट, सर्टिफिकेट ऑफ डिप्लोमा और आईटीआई व अन्य दस्तावेजों का ऑनलाइन स्टोर हाउस होगा। ये सभी दस्तावेजों को सुरक्षित रखेगा और जरूरत पड़ने पर छात्र कभी भी इन्हें यहां से निकाल कर इस्तेमाल कर सकेंगे। उच्च शिक्षा के आवेदन और नौकरी के इंटरव्यू के दौरान ये डिजिटल डिपोजिटरी सहायक साबित होगी। साथ ही बीटीई सारे दस्तावेजों के असली होने की पुष्टि करेगा जिससे कहीं भी छात्रों को कोई परेशानी नहीं आएगी।
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डीटीटीई के अनुसार इस समझौते से बीटीई दिल्ली को दस्तावेजों का प्रकाशन करने, स्टोर करने, वेरीफिकेशन करने और डिजिटल मार्कशीट को प्रिंट करने में सहायता मिलेगी। वहीं, एफिलिएटेड संस्थानों को भी सर्टिफिकेट वितरण में आने वाली परेशानियों से निजात मिलेगी।
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डीटीटीई के अनुसार इस समझौते से बीटीई दिल्ली को दस्तावेजों का प्रकाशन करने, स्टोर करने, वेरीफिकेशन करने और डिजिटल मार्कशीट को प्रिंट करने में सहायता मिलेगी। वहीं, एफिलिएटेड संस्थानों को भी सर्टिफिकेट वितरण में आने वाली परेशानियों से निजात मिलेगी।
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