इस साल के वार्षिक छात्रसंघ चुनाव के लिए शुक्रवार को कुल 5,170 वोट पड़े। मतदान का आंकड़ा 70 फीसदी रहा, जो पिछले साल 58.69 फीसदी से कहीं अधिक है। सारिका चौधरी ने सर्वाधिक वोट हासिल किए और बड़े अंतर से जीत दर्ज की। 2,692 वोटों के साथ वह अभाविप की गीता श्री से 1,679 मतों से आगे रहीं।
अध्यक्ष के पद पर बालाजी ने अभाविप के ललित पांडे से 1,189 मतों के अंतर से जीत दर्ज की, जिन्हें 972 मत ही मिले थे। वामपंथी राथर (महासचिव) और जयदीप (संयुक्त अध्यक्ष) को क्रमश: 2,423 व 2,047 वोट मिले। उन्होंने अभाविप के गणेश (1,235) और वेंकट चौबे (1,290) को पराजित किया। वामपंथी गठबंधन में आल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई), डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फ्रंट (डीएसएफ) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (आईएसएफ) शामिल हैं।
अध्यक्ष पद पर आइसा, उपाध्यक्ष पद पर डीएसएफ, महासचिव पद पर एसएफआई और संयुक्त सचिव पर पर एआईएसएफ से उम्मीदवार खड़े किए गए थे। बिरसा अंबेडकर फुले स्टूडेंट एसोसिएशन (बीएपीएसए) को अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और महासचिव पद की दौड़ में तीसरा स्थान मिला है। एनएसयूआई संयुक्त सचिव पद की दौड़ में तीसरा रनर-अप रहा है।
उल्लेखनीय है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ चुनाव में शुक्रवार को लगभग 70 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। यह जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में अबतक का सर्वाधिक मतदान प्रतिशत है। निर्वाचन समिति की तरफ से प्राप्त जानकारी के अनुसार, कुल 7,650 वोटों में से 5,185 वोट डाले गए। अनअधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यह पहला मौका है जब इतनी बड़ी संख्या में छात्रसंघ चुनाव में मतदान किया है।