क्या है पूरा मामला ?
बीते जून माह में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की ओर से 15 तारीख को बीएससी प्रथम सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम जारी किया गया था। यह परिणाम कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर देखा जा सकता है। रिजल्ट के बाद में स्टूडेंट्स की अंकतालिका भी जारी कर दी गई। लेकिन छात्रों के होश उस समय उड़े जब उन्होंने अंकतालिका पर जारी करने की तिथि 31 मई लिखी हुई देखी। यानि यह अंकतालिका रिजल्ट जारी होने के 15 दिन पहले ही डाल दी गई।
बीते जून माह में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की ओर से 15 तारीख को बीएससी प्रथम सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम जारी किया गया था। यह परिणाम कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर देखा जा सकता है। रिजल्ट के बाद में स्टूडेंट्स की अंकतालिका भी जारी कर दी गई। लेकिन छात्रों के होश उस समय उड़े जब उन्होंने अंकतालिका पर जारी करने की तिथि 31 मई लिखी हुई देखी। यानि यह अंकतालिका रिजल्ट जारी होने के 15 दिन पहले ही डाल दी गई।
इतना ही नहीं यह गलती केवल एक दो अंकतालिकाओं में ही देखने को नहीं मिली बल्कि ऐसी सैकड़ों को अंकतालिका थी। हरियाणा के गुरु ब्रह्मानंद कन्या महाविद्यालय अंजनथली में ऐसी सैकड़ों अंकतालिकाएं पहुंची हैं। इस बारे में महाविद्यालय के लिपिक अर्जुन ने बताया कि उन्होंने ये अंकतालिका चार जुलाई को प्राप्त की थी। इनमें कुछ अंकतालिकाएं बंद लिफाफे में थी तो उन्होंने देखी नहीं और छात्राओं को दे दी। उनमें यह गलती हो सकती है।
परीक्षा शाखा के कर्मचारियों की इस गलती की वजह से सैकड़ों विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि अंकतालिका मिलने के 15 दिनों तक विद्यार्थी पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन कर सकते हैं, लेकिन यह समय तो रिजल्ट के आने के पहले ही खत्म हो गया। अब विद्यार्थी पुनर्मूल्यांकन के लिए धक्के खाने पर मजबूर हैं। वहीं दूसरी ओर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्रवक्ता प्रो. तेजेंद्र शर्मा का कहना है कि वे इस मामले में परीक्षा नियंत्रक से बात करेंगे। अगर किसी स्तर पर कर्मचारियों की गलती पाई जाती है तो ऐसे विद्यार्थियों को पुनर्मूल्यांकन का मौका दिया जाएगा।