scriptमेडिकल कमीशन बिल 2019 लोकसभा में पेश, मेडिकल एजुकेशन पर होगा ये बड़ा असर | Medical Education: Medical commission bill 2019 put in parliament | Patrika News

मेडिकल कमीशन बिल 2019 लोकसभा में पेश, मेडिकल एजुकेशन पर होगा ये बड़ा असर

locationजयपुरPublished: Jul 26, 2019 10:05:17 am

Medical Education: विधेयक निजी मेडिकल कॉलेजों के लिए फायदेमंद होगा। आयोग निजी मेडिकल कॉलेजों व डीम्ड विश्वविद्यालय की केवल 50 प्रतिशत सीटों के लिए फीस तय कर सकेगा।

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medical Education : चिकित्सा शिक्षा के नए नियमन के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक 2019 (मेडिकल कमीशन बिल) लोकसभा में पेश हो चुका है। नए कानून से पहले से भंग मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की जगह नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) बनेगा।

विधेयक निजी मेडिकल कॉलेजों के लिए फायदेमंद होगा। आयोग निजी मेडिकल कॉलेजों व डीम्ड विश्वविद्यालय की केवल 50 प्रतिशत सीटों के लिए फीस तय कर सकेगा। अब तक ज्यादातर राज्यों में फीस नियामक समिति निजी कॉलेजों में सभी सीटों की अधिकतम शुल्क की सीमा तय करती है। राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब व ओडिशा ऐसे राज्यों में शामिल हैं। यूपी व पश्चिम बंगाल इस प्रावधान पर आपत्ति जता चुके हैं। उधर, सरकार का कहना है कि ऐसा मेडिकल शिक्षा के तेजी से विस्तार के लिए किया गया है।

एग्जिट टेस्ट जरूरी

2017 में संसद की स्थाई समिति ने निजी कॉलेजों के लिए राज्यों के मौजूदा शुल्क विनियामक तंत्र को कमजोर न करने को कहा था। एम्स के तत्कालीन निदेशक का कहना था कि इससे ज्यादा फीसद देने वालों को सीटें मिल जाएंगी।

खून का सैंपल लेने वाले भी लिख सकेंगे दवा
विधेयक के अनुसार आयुर्वेद – होम्योपैथ डॉक्टर (आय़ुष) भी एलोपैथ दवा दे सकेंगे। ब्रिज कोर्स नहीं करना होगा। कंपाउंडर, पैथोलॉजिस्ट, लैब टेक्नीशियन, रेडियोलॉजिस्ट, खून का सैंपल लेने वाले भी खास तरह की दवाएं लिख सकेंगे। अन्य दवाएं डॉक्टरों के परामर्श से ही लिख पाएंगे। इन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य प्रदाता का लाइसेंस देगी। डॉक्टर विरोध में हैं।

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