एमएनआइटी में फर्स्ट ईयर की 710 सीटें हैं। इस बार कुल सीटों का 25 प्रतिशत बढ़ाया जाएगा, जिसके बाद सीटों की संख्या 888 हो जाएगी। इसमें से 10 प्रतिशत सीटें ईडब्ल्यूएस के लिए रिजर्व रहेंगी। इस तरह 88 सीट ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के लिए रहेंगी। जबकि जनरल की अन्य सीटें पहले की तरह ही होंगी। इनमें किसी भी तरह का बदलाव नहीं होगा। जबकि गर्ल्स के लिए 17 प्रतिशत सीटें सुपरन्यूमेरी रहेंगी।
हॉस्टल की बढ़ेगी चुनौती
एमएनआइटी के स्टूडेंट्स के लिए हमेशा से चुनौतीपूर्ण रही एकॉमोडेशन की फैसिलिटी में इस बार भी समस्या आना तय माना जा रहा है। फिलहाल इंस्टीट्यूट में तीन संस्थान चलाए जा रहे हैं। इनमें एनआइटी उत्तराखंड, ट्रिपलआइटी कोटा और एमएनआइटी स्वयं शामिल है। चीफ वार्डन प्रो.उपेन्द्र पंडेल के अनुसार, बीटेक स्टूडेंट्स के लिए नए गर्ल्स हॉस्टल में टेम्परेरी बेसिस पर व्यवस्था कर दी जाएगी। फिलहाल यहां उत्तराखंड के लगभग 500 और 100 एमटेक के स्टूडेंट्स रह रहे हैं। वहीं अगले साल फोर्थ ईयर के 198 स्टूडेंट्स पासआउट हो जाएंगे। ऐसे में ये सीटें भी स्टूडेंट्स को मिल जाएंगी। वहीं तीन गर्ल्स हॉस्टल गार्गी, ए ब्लॉक, बी ब्लॉक में से भी कुछ गर्ल्स पासआउट होंगी। ऐसे में गर्ल्स की सीटें बढऩे से भी इश्यू नहीं होगा। फिलहाल आचार्य भवन फ्लैट्स में पीजी, ट्रिपलआइटी कोटा और उत्तराखंड की गर्ल्स रह रही हैं।
पीजी बॉयज को नहीं मिलेगा हॉस्टल
एमएनआइटी में १७ ब्लॉक में चार हजार की कैपेसिटी है। प्रशासन के अनुसार, फिलहाल पीजी बॉयज के लिए स्पेस अवेलेबल नहीं होगा और पीजी गर्ल्स में भी लिमिटेड अकॉमोडेशन मिलेगा।
‘नए सेशन से सीटें बढ़ाने का फैसला लिया गया है। अब बीटेक में ज्यादा स्टूडेंट्स को एडमिशन का मौका मिलेगा।’
– प्रो. के.आर. नियाजी, डीन एकेडमिक अफेयर्स