राज्यपाल ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश में काफी दिनों तक सरकारों द्वारा शिक्षा के लिए काफी कम बजटीय प्रावधान किए जाते रहे, लेकिन हाल के वर्षों में केन्द्र सरकार एवं बिहार सरकार दोनों ने शिक्षा के विकास पर पूरा ध्यान दिया है और इसके सार्थक नतीजे भी सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मगध महिला महाविद्यालय का नामकरण जिस ‘मगध साम्राज्य’ के नाम पर हुआ है, उसी का गौरवमय इतिहास वस्तुत: ‘भारतीय इतिहास का स्वर्णयुग’ माना गया है।
मलिक ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी कहा करते थे कि नारी शिक्षा का विकास देश के लिए बेहद जरूरी है। उनकी मान्यता थी कि एक नारी यदि शिक्षित हो जाती है तो वह पूरे परिवार को शिक्षित कर देती है। आज देश की बेटियां समाज के सभी क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। ज्ञान-विज्ञान, खेलकूद, साहित्य, संगीत, कला, तीरंदाजी, बॉक्सिंग, वायुयान-परिचालन, पर्वतारोहण हर क्षेत्र में महिलाएं बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं।
राज्यपाल ने अमरीका की पूर्व विदेश सचिव कॉन्डोलिजा राईस का उदाहरण देते हुए कहा कि उनसे लीबिया का तानाशाह कर्नल गद्दाफी भी बेहद प्रभावित था और अरब के लोग उस ताकतवर महिला से बहुत डरते थे। उन्होंने कहा कि अमरीकी महिला विदेश सचिव की ताकत के पीछे दरअसल अमरीका की ताकत थी और अमरीका की ताकत का आधार उसका शैक्षिक सशक्तीकरण था। सभी विकसित देश शिक्षा की प्रगति के प्रति सचेत रहते हैं।
उन्होंने ‘द्वितीय विश्वयुद्ध’ के समय ब्रिटेन द्वारा शिक्षा के बजट में कोई कटौती नहीं किए जाने का उदाहरण देते हुए कहा कि शिक्षा पर ध्यान नहीं देने से नई पीढ़ी का भविष्य चैपट हो जाने का खतरा बना रहता है। मलिक ने बिहार सरकार की वाई-फाई योजना और स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरकार भी कन्या-शिक्षा को खूब बढ़ावा दे रही है।
मानवता को कलंकित करने वाली घटना
उन्होंने पुलिस-बहाली और पंचायतों में महिलाओं को प्राप्त आरक्षण का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रशंसा की। उन्होंने मुजफ्फरपुर बालिका गृृह यौन शोषण मामले में कुमार द्वारा त्वरित संज्ञान लेते हुए मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच की अनुशंसा किए जाने की सराहना की। राज्यपाल ने बताया कि उन्होंने केन्द्रीय विधि एवं न्यायमंत्री तथा पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को बालक-बालिका और महिला-उत्पीडऩ के मामलों के त्वरित निस्तारण के लिए त्वरित अदालत के गठन में सहयोग पर विचार करने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर की घटना अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण और मानवता को कलंकित करनेवाली है।
एक दिन मिल सकता है नोबेल पुरस्कार
उन्होंने कहा कि महिला महाविद्यालयों के समीप सादे लिबास में राज्य सरकार द्वारा पुलिस कर्मियों की तैनाती किया जाना अत्यन्त प्रशंसनीय है। छात्राओं के विरुद्ध किसी भी अभद्र कृत्य को कत्तई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में छात्राओं की प्रतिभा को देखते हुए लगता है कि इन्हीं में से किसी को एक-न-एक दिन ‘नोबेल पुरस्कार’ भी मिलेगा। विदेशी विश्वविद्यालयों की तुलना में काफी कम संख्या में ‘नोबेल पुरस्कार’ भारतीयों को मिले हैं।
उज्जवल भविष्य के लिए दी शुभकामनाएं
मलिक ने कौशल-विकास के जरिए स्वरोजगारी होने का आह्वान करते हुए कहा कि आज उद्घाटित छह नए सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों ऑफिस मैनेजमेंट, जूट हैंडीक्रॉफ्ट, छपाई कला, मधुबनी पेटिंग, आईटी स्किल एवं वेब-डिजाइन से छात्राओं की हुनरमंदी बढ़ेगी और उनके लिए रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे। उन्होंने महाविद्यालय में नामांकित नई छात्राओं एवं अलग-अलग पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।
उन्होंने महाविद्यालय के नये प्रोस्पेक्टस एवं हैण्डबुक का भी विमोचन किया। इस मौके पर पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रास बिहारी प्रसाद सिंह ने कहा कि मगध विश्वविद्यालय से काफी संख्या में प्रतिभाशाली छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर निकली हैं। उन्होंने नए पाठ्यक्रमों के कार्यान्वयन में महाविद्यालय की भूमिका की प्रशंसा की।