राज्य में पहले किया था लागू
पिछली कांग्रेस सरकार ने 2011-12 में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू किया था। फिर भाजपा सत्ता में आई तो 2013 में उसे हटाकर पुन: माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का पाठ्यक्रम लागू कर दिया। इसे लेकर काफी विवाद भी हुआ था।
प्रतियोगी परीक्षाओं में मददगार
प्रतियोगी परीक्षाओं आदि में एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम से संबंधित सामग्री ही आती है। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम से बारहवीं उत्तीर्ण करने के बाद स्नातक व स्नातकोत्तर की पढ़ाई के दौरान युवाओं को मजबूरन एनसीईआरटी की स्कूली किताबें पढऩी पड़ती हैं। इसके बाद ही वे प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल हो पाते हैं। राज्य के सरकारी स्कूलों में एनसीईआरटी का सिलेबस लागू हो तो ऐसे युवाओं को खासी मदद मिलेगी।
12 राज्यों में है लागू
जानकारों के अनुसार सीबीएसई से संबंधित सभी स्कूलों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू है लेकिन अब तक खास विवाद सामने नहीं आया है। देश में 12 से अधिक राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में एनसीईआरटी का ही पाठ्यक्रम पढ़ाया जा रहा है।
पाठ्यक्रम बार-बार बदलने की बजाय अन्य राज्यों की तरह एनसीईआरटी का सिलेबस लागू करना चाहिए। इससे भ्रम या विवाद की कोई स्थिति नहीं रहेगी।
– महेन्द्र पाण्डे, प्रदेश महामंत्री, राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ
सीबीएसई स्कूलों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू है। माध्य. शिक्षा बोर्ड भी यही पढ़ाए तो बच्चों को सुविधा-राहत मिलेगी। राज्यभर में सभी बच्चे समान पाठ्यक्रम पढ़ सकेंगे।
– किशन मित्तल, महामंत्री, स्वयंसेवी शिक्षण संस्था