देश के कर्इ शिक्षण संस्थानोें में चल रहे फर्जीवाडे को रोकने के लिए नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) ने कमर कस ली है। एनसीटीर्इ ने देश के करीब 1000 शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों को बंद करने का फैसला किया है। एनसीटीई ने आदेश जारी कर इन संस्थानों को अनिवार्य रूप से इस साल जुलाई तक एफिडेविट जमा कराने को कहा था, जिसमें नाकाम रहने पर इन संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया गया है।
एनसीटीई ने शैक्षणिक संस्थानों के परिचालन में पारदर्शिता लाने और हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए हलफनामे के जरिए सभी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों को आवश्यक डाटा पेश करने को कहा था। तय समय में हलफनामा दाखिल नहीं करने वाले संस्थानों को इसी सप्ताह कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
बंद किए गए एक हजार शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों के अलावा 3000 अन्य बीएड और डीएड कराने वाले टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज एनसीटीई की जांच के दायरे में हैं। ये संस्थान अपने संदिग्ध संचालन, वित्तीय अनियमितता और चलाए जा रहे कोर्स को लेकर शक के घेरे में हैं। कई टीचर्स एजुकेशन इंस्टीट्यूट पर काले धन को सफेद करने का आरोप है। यह रिपोर्ट सामने आने के बाद एनसीटीई ने इनकी जांच कराने का फैसला किया। ये संस्थान गैर-मुनाफा श्रेणी में आते हैं। जांच के बाद इनमें गड़बड़ी पाई गई और इन्हें बंद करने का निर्णय लिया गया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बीएड और डीएड कराने वाले इन तीन हजार संस्थानों को भी बंद करने का नोटिस मार्च, 2018 तक मिल जाएगा।
एनसीटीई के अंतर्गत करीब 16,000 टीचर्स एजुकेशन इंस्टीट्यूट चल रहे हैं। इन संस्थानों को पिछले साल सभी आंकड़ों के संदर्भ में हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा गया था। कई बार डेडलाइन बढ़ाने के बावजूद कई संस्थानों ने हलफनामा दाखिल नहीं किया। इसके बाद एनसीटीई की जांच में 4000 संस्थानों द्वारा किए गए दावे सही नहीं पाए गए, जिसके बाद 1000 संस्थानों को बंद करने का फैसला लिया गया है। एनसीटीई ने इस सत्र से इनमें दाखिले प्रतिबंध लगा दिया है। इनमें सबसे ज्यादा कालेज उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के हैं। जल्द ही इन सभी संस्थानों की संबद्धता रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।
देशभर के शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों की रैंकिंग और इनमें शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए एनसीटीई एक नई ‘टीचआर’ प्रणाली लेकर आई है।‘टीचआर’ इन संस्थानों का आकलन भौतिक संपत्ति, शैक्षणिक संपत्ति, शिक्षक और सीखने की गुणवत्ता व परिणाम के आधार पर करेगा। इसके लिए दिसंबर तक संस्थान अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों की रैंकिंग 31 मार्च, 2018 को जारी होगी।