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इस संबंध में एनसीटीई के उप सचिव ने सभी राज्य के मुख्य सचिवों को पत्र भी जारी कर दिया है। कुछ माह पहले पटना हाईकोर्ट ने एनसीटीई के उस आदेश को खारिज कर दिया था, जिसमें प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति में 18 माह के डीएलएड कोर्स को अमान्य करार दिया गया था। पटना हाईकोर्ट के इस निर्णय से एनआईओएस से डीएलएड कोर्स करने वाले बिहार के उम्मीदवारों को बड़ी राहत मिली थी। पटना उच्च न्यायलय ने डीएलएड डिग्रीधारियों को शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति दी थी। अब सभी राज्यों के उम्मीदवार शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन के पात्र माने जाएंगे।
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पूर्व में एनसीटीई ने 18 महीने के इस डीएलएड कोर्स को शिक्षक भर्ती के लिए अमान्य करार कर दिया था। इसके बाद निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक हाईकोर्ट पहुंच गए थे। वहीं, पटना हाई कोर्ट ने एनसीटीई के पात्रता नियमों को अनुचित ठहराते हुए उस आदेश को खारिज कर दिया था, जिसमें प्राइमरी टीचरों की नियुक्ति में 18 महीने के डीएलएड कोर्स को अमान्य घोषित किया गया था। 18 महीने के डीएलएड कोर्स को उन लाखों शिक्षकों के लिए शुरू किया गया था, जो अप्रशिक्षित थे। रिपोर्ट के अनुसार, एनआईओएस ने लगभग 13 से 14 लाख शिक्षकों को यह कोर्स कराया था।