जानकारी के लिए आपको बता दें कि मद्रास हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद ही इस महीने जारी ‘नीट’ के नतीजों पर पेच फंस गया है। बीते मंगलवार को हाईकोर्ट ने तमिल माध्यम से नीट की परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं को 196 अंक अतिरिक्त देने का फैसला सुनाया था। इससे नीट की रैंकिंग पर असर पड़ सकता है। सीबीएसई ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाने की बात कही है।
मद्रास हाईकोर्ट ने अपने फैसला सुनाते हुए सीबीएसई से कहा था कि परीक्षा में कुल 49 प्रश्नों में अनुवाद की त्रुटियां थी, जिनके लिए प्रति प्रश्न चार अंक दिया जाने चाहिए। पीठ ने तमिल माध्यम से नीट देने वाले सभी 24,720 प्रतिभागियों को 196 अंक अतिरिक्त देने का आदेश दिया था। मदुरै पीठ के जस्टिस सीटी सेल्वम और जस्टिस एएम बशीर अहमद ने माकपा नेता टीके रंगराजन की जनहित याचिका पर यह आदेश सुनाया था। कोर्ट ने सीबीएसई से कहा कि वह योग्य उम्मीदवारों की रैंकिंग को संशोधित कर इसे दोबारा से जारी करें। लेकिन अब इतना तय है कि नीट काउंसलिंग अब सुप्रीम कोर्ट के अगले आदेश आने तक स्थगित रहेगी।