scriptकाउंसिलिंग के बाद भी मेडिकल काॅलेजों में दाखिला नहीं लेने पर भरना पड़ सकता है जुर्माना | Patrika News
शिक्षा

काउंसिलिंग के बाद भी मेडिकल काॅलेजों में दाखिला नहीं लेने पर भरना पड़ सकता है जुर्माना

5 Photos
6 years ago
1/5

नीट की काउंसिलिंग कराने के बाद भी मेडिकल काॅलेजों में दाखिला नहीं लेने वाले स्टूडेंटस को अगले साल से 2 लाख रुपए तक का जुर्माना चुकाना पड़ सकता है। साथ ही उन्हें आगे की काउंसिलिंग में भाग लेने से भी रोका जा सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इस प्रस्ताव पर काम कर रहा है, हालांकि, इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की रजामंदी अभी बाकी है।

2/5

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की स्वीकार्यता के एक प्रस्ताव दिया है, जिसके अनुसार मेडिकल और डेन्टल कॉलेजों में एडमिशन के लिए 2 लाख रुपये तक के रिफंडेबल रजिस्ट्रेशन फीस का प्रावधान होगा। प्राइवेट डीम्ड कॉलेजों के लिए यह फीस 2 लाख रुपये और सरकारी कॉलेजों के लिए 25 हजार रुपये होगी। अगर छात्र उक्त मेडिकल कॉलेज में दाखिला ले लेता है तो इस रिफंडेबल रजिस्ट्रेशन फीस को ट्यूशन फीस के साथ एडज्स्ट किया जाएगा। लेकिन अगर छात्र सीट ब्लॉक कर लेने के बाद दाखिला नहीं लेता तो यह राशि जब्त कर ली जाएगी।

3/5

काउंसिलिंग के किस राउंड में छात्रों पर जुर्माना लगेगा या उन्हें आगे की काउंसिलिंग से रोका जाएगा इस बात का फैसला अभी नहीं हुअा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पहले चरण के काउंसिलिंग में सीट ब्लॉक कराने वाले छात्रों को इस जुर्माने से छूट मिल सकती है, ताकि वे बेहतर कोर्स और कॉलेज में दाखिला ले सकें।

4/5

मंत्रालय के मुताबिक यह प्रपोजल अभी एक निरीक्षण समिति को सौंपा गया है जिसे एमसीआई के कामकाज की निगरानी के लिए गठित किया गया है। अगर सुप्रीम कोर्ट इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लेता है तो छात्रों द्वारा सीट ब्लॉक करने की समस्या से बचा जा सकेगा। अक्सर टॉप रैंक पाने वाले छात्र कई मेडिकल कॉलेज में सीट ब्लॉक कर लेते हैं जिससे निचले रैंक वाले छात्रों को नुकसान उठाना पड़ता है और मेडिकल कॉलेजों में सीट खाली रह जाती है।

5/5

एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स में मेडिकल काउंसिलिंग कमिटी, डायरेक्टरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज द्वारा किए जाने वाले ऑल इंडिया कोटा की सभी सीटों के दाखिले पर इस फैसले का असर होगा। मेडिकल काउंसिलिंग कमिटी राज्य सरकारों के मेडिकल कॉलेजों में एमडी/एमएस की 50 फीसदी सीटों, डीम्ड कॉलेजों की सभी सीटों के साथ सुपर स्पेशियलिटी की सभी सीटों पर दाखिले के लिए छात्रों की काउंसिलिंग करती है। मंत्रालय के अधिकारी का कहना है कि सरकार का यह कदम छात्रों को कोर्स और कॉलेज चुनने के लिए मल्टीपल च्वाइस को हतोत्साहित नहीं करता है, बल्कि रियलिस्टिक च्वाइस के लिए प्रेरित करता है।

loksabha entry point
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.