इससे पहले दिन में नीट काउंसलिंग बोर्ड की बैठक हुई। इसमें माना गया कि जिसने दूसरे चरण के बाद मेडिकल कॉलेज ज्वॉइन कर लिया है, उसे रिजाइन करने का कोई अधिकार नहीं है। उदाहरण के तौर पर जिसने दूसरे चरण के बाद जोधपुर से रिजाइन कर लिया और मॉपअप में जयपुर का एसएमएस मेडिकल कॉलेज ले लिया तो यह प्रवेश गलत होगा। बोर्ड ने इस तरह प्रवेश पाने वाले अभ्यर्थियों को निर्देश दिए हैं कि अपनी मॉपअप राउंड वाली सीट को निरस्त समझें। काउंसलिंग बोर्ड के अनुसार इन विकल्पों के बाद अधिकतर अभ्यर्थी रिजाइन से पहले वाले कॉलेज में जाने को तैयार हो गए हैं। इस तरह रिजाइन के बाद उच्च कॉलेज पाने वाले अभ्यर्थियों की संख्या करीब 10 से 15 होने का अनुमान हैं। जानकारी के अनुसार एडवोकेट जनरल ने भी हाईकोर्ट में कहा है कि इस प्रक्रिया में रही खामियों को सुधारा जा रहा है। हालांकि राजस्थान के टॉपर विद्यार्थियों को अंदेशा है कि इससे उच्च वाले कॉलेजों की मेरिट और नीचे जा सकती हैं।
MCI से मांगी अनुमति
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) के अनुसार दूसरे चरण की काउंसलिंग के बाद मेडिकल कॉलेज में ज्वॉइनिंग की अंतिम तिथि 18 अगस्त है। अब 17 और 18 अगस्त को मॉप अप राउंड होने से इस तिथि तक सभी अभ्यर्थियों के लिए ज्वॉइन करना संभव नहीं होगा। ऐसे में अब नीट काउंसलिंग बोर्ड ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर इस तिथि को आगे बढ़ाने की अनुमति मांगी है। राज्य सरकार ने एमसीआई को पत्र लिखकर अंतिम तिथि आगे बढ़ाने का आग्रह किया है।
2.5 लाख से 22 लाख हो गया खर्चा
नीट काउंसलिंग बोर्ड ने भी दोनों काउंसलिंग ऑनलाइन कराने का सुझाव दिया था। पहले एक काउंसलिंग ऑनलाइन और एक ऑफलाइन करवाने पर 2.5 लाख रुपए का खर्चा आता था। अब आउटसोर्स के जरिए दोनों काउंसलिंग पर 22 लाख रुपए का खर्चा आया है।
अपात्र अभ्यर्थी मॉप अप राउण्ड से बाहर होंगे
राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को भरोसा दिलाया है कि एमबीबीएस (MBBS) में प्रवेश के लिए हो रहे मॉप अप राउण्ड में कोई अभ्यर्थी शामिल होगा, तो उसे चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाएगा। न्यायालय ने राज्य सरकार के इस कथन को रिकॉर्ड पर लेते हुए कशिश मित्त व अन्य की याचिका पर सुनवाई 19 अगस्त तक टाल दी है।