चिकित्सा मानकों को सुधारने के लिए एमबीबीएस के बाद अब आयुष चिकित्सा कोर्स के लिए भी नीट अनिवार्य किया जा रहा है। आयुष विभाग के अनुसार अगले सत्र से आयुर्वेद, यूनानी, होम्योमैथी, सिद्ध आदि पैथियों की पढ़ाई में प्रवेश के लिए छात्रों को नीट टेस्ट पास करना होगा। कम से कम 50 फीसदी अंकों के साथ उन्हें नीट परीक्षा पास करनी होगी।
आयुष विभाग के अनुसार यह कदम आयुष चिकित्सा के गुणवत्ता मानकों में सुधार के मद्देनजर उठाया जा रहा है। आयुष के तहत देश में उपरोक्त चिकित्सा पैथियों के करीब 750 मेडिकल कालेज हैं। करीब डेढ़ सौ नए कालेजों के प्रस्ताव लंबित हैं। आयुष पैथियों की 36 हजार सीटें हैं जिन पर अभी प्रवेश के लिए कोई कॉमन प्रवेश परीक्षा नहीं होती है। एमबीबीएस की भांति आयुष से जुड़े कोर्स भी साढ़े चार साल के होते हैं।
एमबीबीएस में होने वाली नीट परीक्षा से ही आयुष कालेजों में भी एडमिशन को अनिवार्य बनाने पर विचार कर रहे हैं। इसमें कुछ मुद्दे हैं जिनका समाधान होना है जिसके बाद उसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा। अगले सत्र से प्रवेश नीट के जरिये होगा। हालांकि जो नीट एमबीबीएस के लिए होता है, उसी को लागू किया जाएगा। फिर भी यदि तकनीकी कारणों से यह संभव नहीं हुआ तो अलग से नीट परीक्षा भी आयोजित की जाएगी।
गौरतलब है कि एमबीबीएस में एडमिशन के लिए नीट पास करना कानूनी बाध्यता है। आयुष पैथियों के लिए ऐसी कानूनी बाध्यता नहीं है। लेकिन मंत्रालय स्वेच्छा से अपनी तरफ से ये नियम लागू कर रहा है। आयुष में पीजी कोर्स में प्रवेश नीट के जरिये हो रहे हैं। यह व्यवस्था पिछले साल से ही लागू कर दी गई है।