अदालत ने संबंधित राजकीय मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों से पूछा है कि पहले राउंड की काउंसलिंग से पहले बोर्ड को सीट मेट्रिक्स क्यों नहीं दी गई। डॉ. विशाल मित्तल ने याचिका दायर कर कहा कि एमसीआई ने 27 फरवरी को पत्र जारी कर सरकारी मेडिकल कॉलेजों के पीजी कोर्स में अतिरिक्त 89 सीटों को ईडब्ल्यूएस वर्ग में शामिल करने के निर्देश दिए। इसके बावजूद इन सीटों को शामिल किए बिना 11 अप्रैल से पहले राउंड की काउंसलिंग कर 26 अप्रैल को उसका परिणाम भी जारी कर दिया गया। वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि संबंधित कॉलेजों से काउंसलिंग से पहले सीट मेट्रिक्स नहीं भेजा गया। इस पर अदालत ने बोर्ड चेयरमैन से शपथ पत्र और संबंधित कॉलेजों के प्राचार्यों से स्पष्टीकरण मांगा है।