scriptएनएलयू-डी ने प्रवेश परीक्षा के बाद बढ़ाई सीटें, छात्रों में निराशा | nlu delhi admission 2018 | Patrika News

एनएलयू-डी ने प्रवेश परीक्षा के बाद बढ़ाई सीटें, छात्रों में निराशा

locationजयपुरPublished: Sep 02, 2018 06:45:55 pm

नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी-दिल्ली (एनएलयू-डी) ने अपने मास्टर ऑफ लॉ (एलएलएम) पाठ्यक्रम में सीटों को दोगुना करने का फैसला किया है,

nlu-delhi-admission-2018

नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी-दिल्ली (एनएलयू-डी) ने अपने मास्टर ऑफ लॉ (एलएलएम) पाठ्यक्रम में सीटों को दोगुना करने का फैसला किया है,

नई दिल्ली। नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी-दिल्ली (एनएलयू-डी) ने अपने मास्टर ऑफ लॉ (एलएलएम) पाठ्यक्रम में सीटों को दोगुना करने का फैसला किया है, जबकि प्रवेश परीक्षा पहले ही आयोजित की जा चुकी है और नतीजे आने में कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं। इस फैसले से परीक्षार्थियों में नाराजगी है और छात्रों को पीछे के रास्ते से दाखिला देने का संदेह उठने लगा है। आरटीआई दाखिल करने वाले वकील मोहित गुप्ता ने उस बैठक के ब्यौरे की मांग की है, जिसमें सीटों को बढ़ाने का फैसला लिया गया। इस फैसले से केवल कुछ ही छात्रों का फायदा होगा। उन्होंने कहा कि अगले शैक्षिक वर्ष में बड़ी संख्या में छात्रों के बढऩे की बात कही जा रही है, तो इनका (विश्वविद्यालय) अगला कदम क्या होगा? एनएलयू-डी ने 2018 पाठ्यक्रम के लिए पांच विदेशी छात्रों समेत 40 सीटों की घोषणा की थी, लेकिन प्रवेश परीक्षा के एक महीने बाद उन्होंने इसे बढ़ाकर 80 सीटों की अधिसूचना जर कर दी।

दिल्ली विश्वविद्यालय की लॉ फैकल्टी से स्नातक एक छात्र ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, ”मैंने यह सोचकर प्रवेश परीक्षा में आवेदन नहीं किया कि शीर्ष 40 में नाम आना काफी मुश्किल रहेगा। अगर उन्होंने सीटों में वृद्धि की घोषणा की है तो मैं जरूर आवेदन करूंगा, क्योंकि एनएलयू-डी मेरी पहली पसंद होगी। आईपी विश्वविद्यालय और जिंदल स्कूल ऑफ लॉ बहुत महंगे हैं। अन्य कानून स्नातकों ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा प्रवेश परीक्षा के बाद सीटों की संख्या बढ़ाना अनुचित है। इस कदम के पीछे की मंशा जानने के लिए आईएएनएस ने जब विश्वविद्यालय से संपर्क किया तो कहा गया कि यह कदम समाज को कानूनी शिक्षा में व्यापक पहुंच प्रदान करने के लिए उठाया गया है और यह निर्णय प्रवेश घोषणा के अनुरूप था, जिसमें कहा गया था कि सीटों की संख्या में कमी या बढ़ोतरी हो सकती है।

एनएलयू-डी के रजिस्ट्रार जी.एस. बाजपेयी ने कहा कि ऐसा कहा जा सकता है कि सीटों में वृद्धि विश्वविद्यालय के हिस्से पर बिल्कुल अनुचित नहीं है। बल्कि यह कानून के अध्ययन को प्रोत्साहित करने का एक कदम है, ताकि इस क्षेत्र में अधिक शिक्षक और शोधकर्ता उपलब्ध हों। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा की गई कार्रवाई को अकादमिक परिषद और कार्यकारी परिषद द्वारा भी मंजूरी मिल गई थी। हालांकि, वह इस सवाल का जवाब नहीं दे पाए कि एनएलयू-डी पिछले दो सालों में पूरी सीटों को भरने में क्यों विफल रहा, जिसका खुलासा आरटीआई के एक सवाल में हुआ है। आरटीआई के इस सवाल के जवाब में कहा गया है कि एनएलयू-डी ने वर्ष 2016 में 50 सीटों की तुलना में 40 छात्रों को दाखिला दिया था, जबकि 2017 में 40 सीटों में से केवल 23 ही भर सकी थीं।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो