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इस बार पांच सितम्बर को केवल 45 शिक्षकों को ही राष्ट्रीय पुरस्कार मिलेंगे

Published: Sep 04, 2018 12:42:50 pm

हर साल पांच सितम्बर को शिक्षक दिवस के अवसर पर देश के तीन सौ से अधिक शिक्षकों को राजधानी में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाता था, लेकिन इस बार…

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हर साल पांच सितम्बर को शिक्षक दिवस के अवसर पर देश के तीन सौ से अधिक शिक्षकों को राजधानी में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाता था, लेकिन इस बार केवल 45 शिक्षकों को ही यह पुरस्कार दिया जाएगा। राजधानी में बुधवार को यह पुरस्कार उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू देंगे और शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर ये शिक्षक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर अपने अनुभव उन्हें साझा करेंगे।

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इस बार शिक्षकों के पुरस्कार के नियमों में काफी परिवर्तन किया गया है और अब कोई शिक्षक पुरस्कार के लिए अपने नाम को भी प्रस्तावित कर सकता है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की सोमवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार, इस वर्ष 6692 शिक्षकों से आवेदन प्राप्त हुए थे, लेकिन इस बार केवल 45 शिक्षकों को ही यह पुरस्कार दिया जा रहा है, जबकि हर साल तीन सौ से अधिक लोगों को यह पुरस्कार दिया जाता था। पुरस्कारों की गरिमा एवं गुणवत्ता बनाने के लिए इसकी संख्या कम की गई है।

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विज्ञप्ति के अनुसार हर जिले से तीन शिक्षकों के नाम प्रस्तावित होने के बाद उनका चयन एक समिति ने किया और इस तरह सभी राज्यों एवं केंद्र शासित क्षेत्रों से कुल 152 नाम प्रस्तावित किए गए। अब तक पहले कोई शिक्षक अपना नाम खुद प्रस्तावित नहीं करता था। इस बार शिक्षकों को अपना नाम खुद प्रस्तावित करने का प्रावधान किया गया था ताकि नए शिक्षक भी इस पुरस्कार के हकदार हो सकें। पहले कम से कम 15 साल अध्यापन करनेवाले शिक्षकों को ही पुरस्कार दिया जाता था।

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जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षाबलों के साथ झड़प में एक युवक की मौत के बाद मंगलवार को एहतियात के तौर पर कॉलेजों और माध्यमिक विद्यालयों को बंद रखा गया है। गुसू गांव में सोमवार को सुरक्षाबलों की प्रदर्शनकारियों और पथराव कर रहे लोगों के साथ झड़प हुई। इस दौरान गोलीबारी में 26 वर्षीय फयाज अहमद वानी की मौत हो गई थी।

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