प्रश्न – (1) सडक़ों के सिग्नल में लालबत्ती ऊपर और रेलवे में नीचे क्यों?
पहला सवाल तो यह है कि लाल रंग रोकने और हरा लाइन क्लीयर का संकेतक क्यों है? लाल रंग को खतरे के निशान के रूप में पहले समुद्री जहाजों ने अपनाया। जहाजों पर लाल झंडे लगे रहते थे, ताकि दूसरे जहाज एकदम करीब न आएं। उन्नीसवीं सदी के शुरू में ब्रिटेन ने रेलवे में सिग्नलिंग की व्यवस्था की। रेलगाडिय़ों का एक ही ट्रैक होता था, इसलिए जरूरी था कि उनके लिए सिग्नलिंग की व्यवस्था की जाए। लाल रंग को तब तक खतरे के निशान के रूप में स्वीकार किया जा चुका था। चूंकि हरा रंग लाइन क्लीयर के लिए सोचा गया, इसलिए उसे ऊपर रखा गया। विचार यह भी था कि सिग्नल की ऊंचाई काफी होगी, इसलिए लाल भी नजर आएगा। वैसे भी शुरू के सिग्नल डाउन या अप होते थे। उनके साथ रंगीन शीशे की प्लेट होती थीं, जिनके पीछे रात में लालटेन लगाई जाती थी। दिन की रोशनी में रंगीन शीशे की पट्टी चमकती थी।
पहला सवाल तो यह है कि लाल रंग रोकने और हरा लाइन क्लीयर का संकेतक क्यों है? लाल रंग को खतरे के निशान के रूप में पहले समुद्री जहाजों ने अपनाया। जहाजों पर लाल झंडे लगे रहते थे, ताकि दूसरे जहाज एकदम करीब न आएं। उन्नीसवीं सदी के शुरू में ब्रिटेन ने रेलवे में सिग्नलिंग की व्यवस्था की। रेलगाडिय़ों का एक ही ट्रैक होता था, इसलिए जरूरी था कि उनके लिए सिग्नलिंग की व्यवस्था की जाए। लाल रंग को तब तक खतरे के निशान के रूप में स्वीकार किया जा चुका था। चूंकि हरा रंग लाइन क्लीयर के लिए सोचा गया, इसलिए उसे ऊपर रखा गया। विचार यह भी था कि सिग्नल की ऊंचाई काफी होगी, इसलिए लाल भी नजर आएगा। वैसे भी शुरू के सिग्नल डाउन या अप होते थे। उनके साथ रंगीन शीशे की प्लेट होती थीं, जिनके पीछे रात में लालटेन लगाई जाती थी। दिन की रोशनी में रंगीन शीशे की पट्टी चमकती थी।
सडक़ों पर ट्रैफिक के संचालन के लिए भी 10 दिसम्बर, 1868 को लंदन में ब्रिटिश संसद भवन के सामने रेलवे इंजीनियर जेपी नाइट ने ट्रैफिक लाइट लगाई। यह सिग्नल भी रेलवे जैसा ही था पर यह व्यवस्था चली नहीं। सडक़ों पर व्यवस्थित रूप से ट्रैफिक सिग्नल वर्ष 1912 में अमरीका सॉल्ट लेक सिटी यूटा में शुरू किए गए। सडक़ों के ट्रैफिक सिग्नल तय करते वक्त सोचा गया कि ये संकेतक ज्यादा ऊंचाई पर नहीं होंगे, इसलिए लाल रंग को ऊपर रखना ही बेहतर होगा। बाद में वैज्ञानिक अध्ययनों से यह भी पता लगा कि जो रंग सबसे ज्यादा ध्यान खींचता है, वह लाल नहीं बल्कि लालिमा युक्त पीला रंग या केसरिया रंग है। इस रंग को भी ट्रैफिक सिग्नल में जगह दी गई है। आज ज्यादातर सिग्नल पीले रंग के ही बनते हैं। समुद्री जहाजों की लाइफ जैकेट का रंग भी पीला होता है। संकट के संकेत करने वाली फ्लेयर पिस्तौलें भी पीला-नारंगी धुआं छोड़ती हैं।
प्रश्न – (2) ओलंपिक में क्रिकेट क्यों नहीं?
वर्ष 896 में एथेंस में हुए पहले ओलिम्पिक खेलों में क्रिकेट को भी शामिल किया गया था, पर पर्याप्त संख्या में टीमें न आ पाने के कारण क्रिकेट प्रतियोगिता रद्द हो गई। वर्ष 1900 में पेरिस में हुए दूसरे ओलिम्पिक में चार टीमें उतरीं, पर बेल्जियम और नीदरलैंड्स ने अपना नाम वापस ले लिया। इसके बाद सिर्फ फ्रांस और इंग्लैंड की टीमें बचीं। उनके बीच मुकाबला हुआ, जिसमें इंग्लैंड की टीम चैम्पियन हुई। अब उम्मीद की जा रही है कि 2024 के ओलिम्पिक खेलों में टी-20 क्रिकेट को शामिल किया जाए।
वर्ष 896 में एथेंस में हुए पहले ओलिम्पिक खेलों में क्रिकेट को भी शामिल किया गया था, पर पर्याप्त संख्या में टीमें न आ पाने के कारण क्रिकेट प्रतियोगिता रद्द हो गई। वर्ष 1900 में पेरिस में हुए दूसरे ओलिम्पिक में चार टीमें उतरीं, पर बेल्जियम और नीदरलैंड्स ने अपना नाम वापस ले लिया। इसके बाद सिर्फ फ्रांस और इंग्लैंड की टीमें बचीं। उनके बीच मुकाबला हुआ, जिसमें इंग्लैंड की टीम चैम्पियन हुई। अब उम्मीद की जा रही है कि 2024 के ओलिम्पिक खेलों में टी-20 क्रिकेट को शामिल किया जाए।
प्रश्न – (3) राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाली पहली फिल्म कौनसी है?
वर्ष 1954 में कथा-चित्र के लिए पहला राष्ट्रीय पुरस्कार मराठी फिल्म ‘श्यामची आई’ को दिया गया।
वर्ष 1954 में कथा-चित्र के लिए पहला राष्ट्रीय पुरस्कार मराठी फिल्म ‘श्यामची आई’ को दिया गया।