सफेद वस्त्र सूर्य की विकिरित ऊष्मा को अधिकांश अंश परावर्तित कर देता है, जिससे सूर्य की गर्मी सफेद वस्त्र के भीतर बहुत कम प्रवेश कर पाती है। जबकि काला या गहरा रंग का वस्त्र विकसित ऊष्मा का अवशोषण सफेद वस्त्र की अपेक्षा अधिक करता है। यह उल्लेखनीय है कि काला वस्त्र ऊष्मा का अच्छा संवाहक होता है।
सूर्य का प्रकाश श्वेत प्रकाश है और यह सात रंगों से मिलकर बना होता है। इन सात रंगों के तरंगदैघ्र्य अलग-अलग होते हैं। इनमें नीले रंग की तरंगदैघ्र्य सबसे कम होती है। जिस रंग का तरंगदैर्ध्य जितना कम होता है, उसका परावर्तन उतना ही अधिक होता है। जब प्रकाश की किरण हवा में तैरते धूल पर पड़ती है, तब धूल प्रकाश की किरणों को परावर्तित कर देती है। नीले रंग की तरंगदैघ्र्य सबसे कम होने के कारण नीले रंग के प्रकाश किरण का परावर्तन सर्वाधिक होता है और यह पूरे आकाश में बिखर जाता है। यही कारण है कि आकाश का रंग नीला दिखाई देता है।
जब कोई व्यक्ति पंखा झलता है तो इससे शरीर और हवा का आपस में बार-बार स्पर्श होता है और यह प्रक्रिया बार-बार होने के साथ ही तेज गति से भी होता है। इससे शरीर की त्वचा पर मौजूद नमी का वाष्पीकरण होता है। वाष्पीकरण की क्रिया के दौरान शरीर का ताप कुछ स्तर तक खर्च हो जाता है और इसके कारण व्यक्ति शीतलता महसूस करता है।
आर्कीमिडीज के सिद्धांत के अनुसार किसी वस्तु को किसी लिक्विड में पूर्ण रूप से या आंशिक डुबाए जाने पर इसके भार में प्रत्यक्ष कमी होती है। यह कमी वस्तु द्वारा विस्थापित लिक्विड के भार के बराबर होती है। यही कारण है कि जल में पत्थर के भार में कमी आ जाती है, जिससे पत्थर को आसानी से उठाया जा सकता है।