प्रश्न – (1) बोआओ फोरम क्या है?
बोआओ फोरम एशिया (बीएफए) व्यापारिक सहयोग और विमर्श का फोरम है, जिसे दावोस के वल्र्ड इकोनॉमिक फोरम के तर्ज पर गठित किया गया है। इसका मुख्यालय चीन के हैनान प्रांत के बोआओ में है। सन् 2001 से यहां एशिया की सरकारों और उद्योगों के प्रतिनिधियों का सम्मेलन हो रहा है। यह फोरम क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग को बढ़ाने के इरादे से गठित किया गया है। इसे शुरू करने का विचार मूलत: फिलीपींस के पूर्व राष्ट्रपति फिदेल वी रैमोस, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री बॉब हॉक और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री मोरीहीरो होसोकावा का था। इसका उद्घाटन 27 फरवरी, 2001 को हुआ था। इसके लिए चीन ने खासतौर से पहल की। इसकी शुरूआत 26 देशों की भागीदारी के साथ हुई थी। इस वक्त इसके 29 सदस्य देश हैं, जिनमें भारत भी शामिल हैं। इससे जुड़े संगठन की पहली बैठक 12-13 अप्रेल 2002 को हुई। हाल में 8 से 11 अप्रेल 2018 को फोरम का सालाना सम्मेलन हुआ। बोआओ फोरम में आर्थिक एकीकरण के अलावा सामाजिक और पर्यावरणीय-प्रश्नों पर भी विचार किया जाता है। यह फोरम एक तरह से चीन और वैश्विक-व्यापार के बीच की कड़ी बना।
प्रश्न – (2) जनहित याचिका क्या है?
जनहित याचिका भारतीय न्याय-व्यवस्था की अवधारणा है। इसका उद्देश्य सार्वजनिक हित के लिए न्यायिक-सहायता लेना है। इसे संसदीय नियमों से नहीं बनाया गया है, बल्कि भारतीय अदालतों ने जनता को ताकतवर बनाने के उद्देश्य से तैयार किया है। जस्टिस पीएन भगवती और जस्टिस वीआर कृष्ण अय्यर शुरुआती जज थे, जिन्होंने जनहित याचिकाओं को विचारार्थ स्वीकार किया। धीरे-धीरे इसकी व्यवस्था बनती गई। जनहित याचिकाओं के दुरुपयोग के मामले भी सामने आए हैं। सत्तर और अस्सी के दशक भारत में न्यायिक सक्रियता का दौर था। इस दौर में हमारी अदालतों ने सार्वजनिक हित में कई बड़े फैसले किए।
दिसम्बर 1979 में कपिला हिंगोरानी ने बिहार की जेलों में कैद विचाराधीन कैदियों की दशा को लेकर एक याचिका दायर की। इस याचिका के कारण जस्टिस वीआर कृष्ण अय्यर की अदालत ने बिहार की जेलों से 40,000 ऐसे कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया, जिनके मामले विचाराधीन थे। सन् 1981 में एसपी गुप्ता बनाम भारतीय संघ के केस में सात जजों की बेंच में जस्टिस भगवती भी एक जज थे। उन्होंने अपने फैसले में दूसरी बातों के अलावा यह भी लिखा कि अदालत सार्वजनिक हित में मामले को उठाने के लिए अदालत औपचारिक याचिका का इंतजार नहीं करेगी, बल्कि कोई व्यक्ति एक चिट्ठी भी लिख देगा तो उसे सार्वजनिक हित में याचिका मान लेगी। इसमें न्यायिक शुल्क जमा किए बगैर सुनवाई हो सकती है।
प्रश्न – (3) कीप से किसी बोतल में लिक्विड डालते समय वह कीप में इकट्ठा हो जाता है और नीचे न बह पाने के कारण कीप को उठाना पड़ता है, क्यों?
जैसे-जैसे तरल बोतल में घुसता है, वह बोतल में कैद हवा को दबाता है। थोड़ी देर बाद बोतल में हवा का दाब इतना ज्यादा हो जाता है कि वह ऊपर के कीप में भरे तरल के भार को संभाल सके। कीप को उठाने पर बोतल में दबी हवा बाहर निकल जाती है और लिक्विड नीचे चला जाता है।
प्रश्न – (4) आपने बर्फ की सिल्ली से धुआं उठते देखा होगा। यह क्या है?
यह धुआं गैस नहीं बल्कि वाष्प है जो बर्फ की ठंड के कारण उसके आस-पास जम जाती है। बर्फ के आस-पास की हवा ज्यादा ठंडी होने पर उससे वाष्प पानी की बूंदों में बदलकर हवा के झोंके से धुएं की तरह लगती है।