प्रश्न – (1) दलित-प्रतिरोध का रंग नीला क्यों है?
सामान्यत: दलित विचार से जुड़े संगठन नीले रंग को प्रतीक रूप से अपनाते हैं, हालांकि 70 के दशक में शुरू हुए दलित पैंथर के ध्वज में नीले रंग के साथ लाल रंग भी था, जो दुनिया के वामपंथियों का प्रिय रंग है। डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमाओं में नीले रंग का इस्तेमाल होता है। हाल में उत्तर प्रदेश के बदायूं में डॉ. अम्बेडकर की एक प्रतिमा को कुछ शरारती लोगों ने भगवा रंग दिया था, जिसे लेकर विवाद हुआ। उस घटना के बाद काफी लोगों ने जानना चाहा कि भीमराव अम्बेडकर के साथ नीला रंग क्यों जुड़ा है?
इस सिलसिले में अम्बेडकर महासभा के अध्यक्ष लालजी निर्मल ने कहा, ‘नीला रंग बाबा साहब को प्रिय था।’ रिटायर्ड आईपीएस ऑफिसर और दलित विचारक एसआर दारापुरी के मुताबिक, सन् 1942 में बाबा साहब ने शेड्यूल्ड कास्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की स्थापना की थी। उसके झंडे का रंग नीला था और उसके बीच में अशोक चक्र था। इसके बाद 1956 में जब पुरानी पार्टी को खत्म कर रिपब्लिकन पार्टी का गठन किया गया तो इसमें भी इसी नीले रंग के झंडे का इस्तेमाल किया। दारापुरी के अनुसार, नीला रंग आसमान का रंग है। ऐसा रंग, जो भेदभाव से रहित दुनिया का प्रतिनिधित्व करता है। बाबा साहब की भी यही दृष्टि थी। बसपा ने भी इसी रंग को अपनाया। बाबा साहब की प्रतिमा हमेशा नीले रंग के कोट में दिखती है। डॉ. अम्बेडकर को नीले रंग का सूट बहुत पसंद था। वे अमूमन इसी रंग के थ्री पीस सूट पहनते थे। बौद्ध धर्म में भी नीला रंग महत्वपूर्ण है।
प्रश्न – (2) राजनीतिक-विचारधाराओं के रंग कौन-कौनसे हैं?
वैश्विक संदर्भों में नीला रंग सामान्यत: सेंटर राइट या कंजर्वेटिव पार्टियों का रंग माना जाता है। संयुक्त राष्ट्र का ध्वज हल्का नीला या आसमानी है, जो शांति और सद्भाव का प्रतीक है। इसी तरह दुनियाभर में साम्यवाद और व्यापक अर्थ में समाजवाद का प्रतिनिधि रंग लाल है। लाल रंग अमरीका की रिपब्लिकन पार्टी का प्रतिनिधि रंग भी है। इसके विपरीत डेमोक्रेटिक पार्टी का रंग नीला है। भारत में भगवा रंग हिन्दूवादी राजनीति का प्रतिनिधि है, पर पश्चिम में उससे मिलता-जुलता नारंगी रंग क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक दलों का प्रतिनिधित्व करता है।
दुनियाभर में हरा रंग इस्लाम के साथ या इस्लामिक राजनीतिक संगठनों के साथ जोड़ा जाता है। इटली में फासी पार्टी का रंग काला था। हाल में पश्चिम एशिया के इस्लामी स्टेट का झंडा भी काला है। अब्बासी खिलाफत का ध्वज भी काला था। भारत में पेरियार ई रामास्वामी के नेतृत्व में शुरुआती तमिल नास्तिक आंदोलन भी काले झंडे के साथ हुआ था और आज भी ज्यादातर द्रविड़ पार्टियों के झंडे में लाल और काला रंग होता है। कांग्रेस पार्टी ने स्वतंत्रता के पहले से ही तिरंगे को अपनाया था, जो आज भी उसका रंग बना हुआ है।