यह समझौता जेजीयू और यूओडब्ल्यू के बीच न सिर्फ मजबूत साझेदारी शुरू करने के लिए हुआ है, बल्कि दोनों देशों के अंतर्संबंधों के लिए मजबूत मंच उपलब्ध कराने के लिए भी हुआ है। इससे इनके विद्यार्थियों और शिक्षकों के अध्ययन और उनकी प्रगति पर सकारात्मक प्रभाव होगा।
जेजीयू के प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए यूओडब्ल्यू के कुलपति प्रोफेसर पॉल वेलिंग्स ने कहा, ‘‘पहला कदम बढ़ाकर हम बहुत खुश हैं। इससे हमें भारत के उत्कृष्ट उच्च शिक्षा संस्थान से हमारी मित्रता लंबे समय तक चलने की उम्मीद है। नई यूनिवर्सिटी होने के बावजूद जेजीयू ने शिक्षण, शोध और सामुदायिक कार्यक्रमों के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी अलग पहचान बनाई है। हम इस साझेदारी को रणनीतिक प्रगति मानते हैं, जो उच्च शिक्षा के संदर्भ में मदद करेगा तथा भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सामाजिक, सांस्कृति और आर्थिक संबंधों को और मजबूत करेगा।’’
विद्यार्थियों के लिए आदान-प्रदान के अवसर के अतिरिक्त दोनों विश्वविद्यालयों के शिक्षक और शोधकर्ता अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशनों में सहयोग कर अब संयुक्त शोध और शिक्षण कर सकेंगे। जेजीयू इस वर्ष अपनी 10वीं वर्षगांठ मना रहा है। विश्वविद्यालय के कुलपति सी. राजकुमार ने कहा, ‘‘जेजीयू क्यूएस एशिया और क्यूएस ब्रिक्स रैंकिंग में जगह पाने वाला सबसे नया विश्वविद्यालय है। यह जेजीयू की विश्व के अग्रणी विश्वविद्यालय के साथ पारस्परिक साझेदारी को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करता है।’’
इस अवसर पर यूओडब्ल्यू के डीन, कानून के शिक्षक प्रोफेसर कॉलिन पिकर ने कहा, ‘‘वोलोंगोंग इस साझेदारी से खुश है और हम इसके जरिए जेजीयू सहित प्रमुख भारतीय और एशियाई विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी मजबूत करने को लेकर उत्सुक हैं।’’