जावड़ेकर-मेरी मां जिला परिषद की शिक्षक थीं, जिसकी वजह से मुझे इस दिन का महत्व पता है। वैसे भी गुरु बिना ज्ञान नहीं मिलता है। हमारी सरकार बनने के बाद इस दिन शिक्षकों को सम्मानित करने की प्रक्रिया में बदलाव किया। स्कूलों में नवाचार तथा शिक्षा के क्षेत्र में अलग करने वालों को सम्मानित करना शुरू किया।
जावड़ेकर-यह गलत आरोप है, 2013-14 में एचआरडी का बजट 63 हजार करोड़ था, जो अब 85 हजार करोड़ रुपए हो गया। जबकि उच्च शिक्षा के लिए हीफा योजना शुरू की गई है। इसमें इस साल 25 हजार करोड़ रुपए दिए जा रहे हैं। हम शिक्षा का महत्व समझते हैं और इसलिए शिक्षक, प्रशासन, अभिभावक और छात्र हर जने की जवाबदेही तय कर रहे हैं। शोध-अनुंसधान बढ़ाने के लिए 1500 स्कूलों में अटल टिंकिंग लैब खोली गई है। जहां रोबोटिक्स, 3 डी प्रिंटिंग समेत अन्य तरह के शोध हो सकेंगे।
जावड़ेकर-सरकार ने 25 साल तक सर्व शिक्षा अभियान चलाया, जिसका अच्छे परिणाम आए। हमने अब समग्र शिक्षा अभियान शुरू किया है।
जावड़ेकर ने पत्रिका के चेंजमेकर अभियान की तारीफ की। उन्होंने कहा कि राजनीति और राजनेताओं को गाली देने से काम नहीं चलेगा। देश की नीतियां सरकार और नेता बनाते हैं। यदि राजनीति में खराब लोग आएंगे तो नीतियां भी खराब बनेंगी। ऐसे में समाज को बदलाव लाने वाले अच्छे लोगों को राजनीति का हिस्सा बनना चाहिए। भाजपा हमेशा से अच्छे लोगों को टिकट देती रही है।