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सुषमा स्वराज के शिक्षक रहे प्रोफेसर ने कहा, वह एक प्रतिभाशाली कलाकार थीं

locationजयपुरPublished: Aug 08, 2019 11:43:34 am

Professor who taught Sushma : पंजाब विश्वविद्यालय (Punjab University) के विधि विभाग (Law Department) में पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Former Foreign Minister Sushma Swaraj) के प्रोफेसर रहे डी.एन. जौहर ने कहा कि वह एक बेहतरीन प्रतिभाशाली कलाकार थीं। उन्होंने बैचलर ऑफ लॉ (एलएलबी) की छात्रा के रूप में सार्वजनिक जीवन के प्रति गहरा झुकाव रखा।

Sushma Swaraj

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Professor who taught Sushma : पंजाब विश्वविद्यालय (Punjab University) के विधि विभाग (Law Department) में पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Former Foreign Minister Sushma Swaraj) के प्रोफेसर रहे डी.एन. जौहर ने कहा कि वह एक बेहतरीन प्रतिभाशाली कलाकार थीं। उन्होंने बैचलर ऑफ लॉ (एलएलबी) की छात्रा के रूप में सार्वजनिक जीवन के प्रति गहरा झुकाव रखा। सुषमा स्वराज उन छात्रों के पहले बैच में थीं, जिन्हें जौहर ने 1970 में विश्वविद्यालय के विधि विभाग में 22 साल की उम्र में शामिल होने के बाद पढ़ाया था। जौहर ने बताया, मैं तब अपने स्टूडेंट्स का लगभग हमउम्र ही था और इसलिए उनके साथ गहरी आत्मीयता थी। उनमें से अधिकांश अभी भी मेरे संपर्क में हैं।

जौहर ने कहा, मैंने सुषमा से बहुत कुछ सीखा है। उनका सार्वजनिक जीवन की ओर झुकाव था और यह उन्हें शानदार ऊंचाइयों तक ले गया। जौहर के अनुसार, जो विश्वविद्यालय की सह-पाठयक्रम गतिविधियों के प्रभारी भी थे, सुषमा एक उत्कृष्ट छात्रा, अच्छी वक्ता और बेहतरीन कलाकार थीं। उन्होंने कहा, वह विश्वविद्यालय में सभी सांस्कृतिक गतिविधियों में एक महत्वपूर्ण प्रतिभागी हुआ करती थीं।

सात बार सांसद और तीन बार की विधायक रहीं सुषमा स्वराज का मंगलवार की रात को नई दिल्ली में निधन हो गया। उनका जन्म हरियाणा के अंबाला शहर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) (आरएसएस) (RSS) के सदस्यों के एक परिवार में हुआ था। सुषमा के पति के साथ अपने जुड़ाव को याद करते हुए, जौहर ने कहा, स्वराज कौशल ईवनिंग स्टूडेंट के तौर पर एलएलबी कर रहे थे। वे कैंपस में मिले, 1975 में शादी की और चंडीगढ़ में बस गए।

जौहर के अनुसार, राजनीति में सुषमा का प्रवेश 1976 में जॉर्ज फर्नांडिस के संपर्क में आने के बाद हुआ था, जब उन्हें (जॉर्ज) तथाकथित बड़ौदा डायनामाइट मामले में गिरफ्तार किया गया था और कोई भी उनका बचाव करने के लिए तैयार नहीं था। सुषमा ने स्वेच्छा से उनका केस लडऩे का फैसला किया। सुषमा ने 28 मई 2016 को ट्वीट किया था, यह सही है। आपातकाल के दौरान हमने जॉर्ज फर्नांडिस का बड़ौदा डायनामाइट मामले में बचाव किया था।

जयप्रकाश नारायण के आपातकाल विरोधी आंदोलन में भाग लेने के बाद, सुषमा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्य बन गईं। जौहर, जिन्हें बाद में आगरा में डॉ. बी.आर. अंबेडकर विश्वविद्यालय (पूर्व में आगरा विश्वविद्यालय) का कुलपति नियुक्त किया गया उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल, पंजाब विश्वविद्यालय में सुषमा से एक वर्ष सीनियर थे।

उन्होंने कहा कि पवन बंसल लॉ डिपार्टमेंट से राजनीति में शामिल होने वाले पहले छात्र थे और उनके बाद सुषमा अगली थीं। उनके आकस्मिक निधन से स्तब्ध बंसल ने ट्वीट किया, 1970 के छात्र जीवन के दिनों से दोस्त, हमारे बीच एक-दूसरे के लिए आपसी मतभेद थे। वह एक सराहनीय महिला, प्रशासक और एक सांसद के रूप में श्रेष्ठ थीं। अनगिनत प्रशंसक दुखी हैं। उनकी आत्मा को शांति मिले।

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