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Rahul बर्कले में देंगे भाषण, आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस पर नहीें बोलेंगे

Published: Sep 10, 2017 09:03:00 pm

Rahul Gandhi के कार्यालय ने ट्वीट किया, अमरीका की अपने यात्रा के दौरान यूसीबर्कले में छात्रों को संबोधित करने

Rahul Gandhi

Rahul Gandhi

नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को अमरीका के विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करेंगे लेकिन उनका भाषण आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर नहीं होगा। कांग्रेस उपाध्यक्ष के कार्यालय और ओवरसीज कांग्रेस चेयरमैन सैम पित्रोदा ने ट्वीट करके कहा कि अमरीका में राहुल गांधी के कार्यक्रम में सैन फ्रांसिस्को, लॉस एंजिल्स, वाशिंगटन और न्यूयॉर्क में कई कार्यक्रम शामिल हैं।
राहुल गांधी के कार्यालय ने ट्वीट किया, अमरीका की अपने यात्रा के दौरान यूसीबर्कले में छात्रों को संबोधित करने और भारतीय प्रवासी कांग्रेस के सदस्यों से मिलने के लिए काफी उत्सुक हूं। पित्रोदा इस कार्यक्रम के आयोजन से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर होने वाले सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे।
उन्हेंने कहा, राहुल गांधी सैन फ्रांसिस्को, लॉस एंजिल्स, वाशिंगटन और न्यूयॉर्क में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए 10 सितंबर से यात्रा करेंगे। वह एआई सम्मेलन का हिस्सा नहीें होंगे। पित्रोदा ने कहा, राहुल वहां पर कई महत्वपूर्ण लोगों से मिलेंगे और कुछ सार्वजनिक भाषण भी देंगे। 11 सितंबर को वह बर्कले में स्थित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में भी भाषण देंगे।
उन्होंने कहा, वह 20 सितंबर को भारतीय प्रवासी कांग्रेस द्वारा न्यूयॉर्क में आयोजित एक बड़े कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। पित्रोदा ने कई ट्वीट कर कहा, वह अमरीका में छात्रों, शिक्षा परिषद के सदस्यों और बुद्धिजीवियों से मिलने आ रहे हैं। बर्कले में राहुल द्वारा समकालीन भारत और आगे के रास्ते पर भाषण देने की संभावना है। भारत के पहले प्रधानमंत्री और राहुल के नाना जवाहर लाल नेहरू ने बर्कले में 1949 में भाषण दिया था।

ओपन स्कूल परीक्षा के लिए आधार कार्ड अनिवार्य
नई दिल्ली। कॉलेज डिग्री और सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य किए जाने के बाद अब ओपन स्कूल की परीक्षाओं में भी आधार कार्ड अनिवार्य होगा। यह नियम अगले साल से लागू होगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन लर्निंग (एनआईओएस) ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि *****ली उम्मीदवार की जगह छद्म परीक्षार्थी परीक्षा नहीं दे सके।
एनआईओस के एक अधिकारी ने कहा कि यह नया नियम अगले साल होने वाली परीक्षा पर लागू होगा। अधिकारी ने आगे बताया कि मार्च में हुई परीक्षा में निरीक्षण टीम ने पाया कि दूसरे उम्मीदवारों की जगह छद्म परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे थे। इस गलत तरीके को रोकने के लिए ही अगले साल होने वाली परीक्षा में आधार को अनिवार्य बनाया गया है।
अधिकारी के अनुसार, परीक्षा केंद्रों पर स्कैनर मशीनें भी लगी होंगी और सिर्फ उन्हीं उम्मीदवारों को परीक्षा देने की इजाजत होगी जिनके अंगूठे के निशान डाटा में मौजूद निशानों से मेल खाएंगे। एनआईओस ने यह फैसला भी लिया है कि जिन स्कूलों में सीसीटीवी कैमरें नहीं होंगे, उन्हें परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि जिन स्कूलों में सीसीटीवी होंगे, वहां परीक्षा की वीडियोग्राफी करने में मदद मिलेगी और भविष्य में जरूरत पडऩे पर फुटेज का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
क्या है एनआईओएस
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंंग साल में दो बार-अक्टूबर और नवंबर में १०वीं और १२वीं कक्षा की परीक्षाओं का आयोजन करवाता है। ओपन बेसिक एजुकेशन प्रोग्राम (ओबीई) के तहत एनआईओएस प्रारंभिक स्तर के कोर्स भी करवाता है। शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने नवंबर, १९८९ को एनआईओस की स्थापना एक स्वायत्त निकाय के रूप में की थी। १०वीं, १२वीं कक्षा की परीक्षाओं के अलावा एनआईओएस सेकेंडरी स्तर पर व्यावसायिक, समुदायिक सहित कई अन्य कोर्स भी करवाता है।
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