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राजस्थान : शिक्षा विभाग को नहीं बच्चों की चिंता, 40 प्रतिशत शिक्षकों को बनाया बीएलओ !

Published: Jul 29, 2018 12:02:23 pm

Rajasthan शिक्षा विभाग और निर्वाचन विभाग को सिर्फ चुनाव की चिन्ता है, बच्चों के भविष्य की नहीं।

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Rajasthan शिक्षा विभाग और निर्वाचन विभाग को सिर्फ चुनाव की चिन्ता है, बच्चों के भविष्य की नहीं। तभी तो 40 प्रतिशत शिक्षकों को विधानसभा चुनाव सम्बन्धी कार्य में लगा दिया गया है। कई स्कूलों में तो एक भी टीचर नहीं छोड़ा, सभी को बीएलओ या सुपरवाइजर बना दिया। ऐसे में पूरा स्कूल खाली होने से बच्चे पसोपेश में हैं कि उन्हें पढ़ाएगा कौन? मई से शुरू हुए सिलसिले के तहत बीएलओ के तौर पर शिक्षक घर-घर सर्वे कर रहे हैं। गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल शुरू हुए तो बच्चे नियमित आ रहे हैं लेकिन शिक्षकों को चुनाव कार्य में व्यस्त कर दिया गया है। शिक्षा विभाग से करीब 40 फीसदी शिक्षकों को चुनाव कार्य में लगाया हुआ है। तृतीय श्रेणी शिक्षकों से लेकर व्याख्याता तक हर श्रेणी के शिक्षकों को बीएलओ या सुपरवाइजर नियुक्त किया गया है।

कैसे जाएं स्कूल
बीएलओ बने कुछ शिक्षकों ने बताया कि चुनाव नजदीक होने के कारण काम बढ़ गया है। कुछ शिक्षकों को आधे दिन स्कूल में पढ़ाने और आधे दिन विधानसभा क्षेत्र में चुनाव कार्य करने के निर्देश हैं। जबकि ज्यादातर को पूरे दिन चुनाव कार्य करने के आदेश मिले हैं।कुछ जगह तो शिक्षकों ने ही रास्ता निकाला है। कुछ शिक्षक लंच से पहले तो कुछ लंच के बाद चुनाव कार्य कर रहे हैं।

राजधानी में यह है स्थिति
40 हजार शिक्षक हैं जिले में
10 हजार शिक्षकों को बीएलओ या सुपवाइजर बनाया गया है
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पूरे स्टाफ को लगाया
हवामहल विधानसभा क्षेत्र स्थित राउप्रावि हवामहल के प्रधानाध्यापक समेत समस्त स्टाफ की बीएलओ ड्यूटी लगा दी गई है। स्कूल में 9 शिक्षक हैं और सभी को चुनाव कार्य में लगाने को लेकर प्रधानाध्यापक मंजू पारीक ने हवामहल विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी, सहायक कलक्टर और मजिस्ट्रेट से लिखित शिकायत दी है।

पहले स्कूल में शिक्षण और फिर घर-घर जाकर सर्वे कर रहे हैं। शिक्षक डबल ड्यूटी कर रहे हैं। काम का अतिरिक्त भार डाला जा रहा है।
जया सिंह, शिक्षक

बीएलओ के रूप में पूरे दिन फील्ड में काम करने के आदेश दे रखे हैं, स्कूल में कैसे पढ़ाएं? दोनों काम देखने पड़ रहे हैं।
संगीता शर्मा, शिक्षक

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