बीएसटीसी रिजल्ट 2019 में सामान्य वर्ग में प्रवीन कुमार और संस्कृत वर्ग में मनीषा ने टॉप किया है। इस बार इस परीक्षा में 7,51,127 विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था और इसमें से 92.47% विद्यार्थी परीक्षा उपस्थित हुए थे। परीक्षा का आयोजन राजस्थान के 33 जिलों के 2,212 परीक्षा केन्द्रों पर एक साथ 26 मई को किया गया था। Rajasthan BSTC Counselling 2019 जुलाई के दूसरे सप्ताह में शुरू की जाएगी।
ऐसे समझें Rajasthan BSTC Seat allotment का गणित
राजस्थान बीएसटीसी सीट अलॉटमेंट के लिए इस परीक्षा को पास करना जरुरी है। पास करने के लिए न्यूनतम 50% अंक लाना जरूरी हैं। वहीं एससी एसटी, ओबीसी और महिला आवेदकों के लिए 45% अंक होने जरुरी हैं। राजस्थान बीएसटीसी काउंसलिंग 2019 में आवेदन करने वाले अभ्यर्थी को कॉलेज का चयन करना होगा। बीएसटीसी फर्स्ट काउंसलिंग के लिए अभ्यर्थी जितनी चाहे कॉलेज चुन सकता है। एक ही कॉलेज के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या और सीट के अनुसार टॉप कैंडिडेट को प्राथमिकता दी जाएगी। जैसे किसी चुने हुए कॉलेज की 50 सीटों पर 600 अभ्यर्थियों ने चुनाव किया तो उसमें टॉप 50 प्राप्तांक वाले अभ्यर्थियों को सीट आवंटित की जाएगी। अगर किसी कॉलेज के लिए न्यूनतम अंक वाले अभ्यर्थियों ने चुना है तो भी उसमें मेरिट के आधार पर उन्ही अभ्यर्थियों में से चुना जाएगा।
ऐसे करें कॉलेज का चयन
कॉलेज का चयन करने के बाद सीट आवंटन की प्रक्रिया कई चरणों में हो सकती है। पहले चरण की काउंसलिंग में जिन कॉलेजों में सीट रिक्त रह जाती है उसके लिए पुनः सेकंड राउंड की काउंसलिंग शुरू की जाती है। जैसे किसी अभ्यर्थी ने 5 कॉलेजों को चुना और उसके प्राप्तांक 400 है। पहली चॉइस वाली कॉलेज की कटऑफ 450 और दूसरे की 430 और तीसरे की 415 जाती है और चौथे में 400 वाले अभ्यर्थियों को चुना जाता है तो उसमें कैंडिडेट को शामिल किया जाएगा। कॉलेज का चयन करने के लिए अभ्यर्थी को विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए। कम प्राप्तांक होने की स्थिति में टॉप कॉलेज को प्राथमिकता न देवें। प्राप्तांकों के अनुसार पिछली कटऑफ देखकर ही कॉलेज का चयन करें। पहले चरण में सीट आवंटन होने के बाद दूसरी काउंसलिंग में भाग लेने नहीं दिया जाएगा। किसी कॉलेज में सीट रिक्त रहने की स्थिति में ट्रांसफर हो सकती है। कॉलेज चयन के लिए काउंसलिंग में अधिक से अधिक कॉलेज को मार्क करें।
कॉलेज का चयन करने के बाद सीट आवंटन की प्रक्रिया कई चरणों में हो सकती है। पहले चरण की काउंसलिंग में जिन कॉलेजों में सीट रिक्त रह जाती है उसके लिए पुनः सेकंड राउंड की काउंसलिंग शुरू की जाती है। जैसे किसी अभ्यर्थी ने 5 कॉलेजों को चुना और उसके प्राप्तांक 400 है। पहली चॉइस वाली कॉलेज की कटऑफ 450 और दूसरे की 430 और तीसरे की 415 जाती है और चौथे में 400 वाले अभ्यर्थियों को चुना जाता है तो उसमें कैंडिडेट को शामिल किया जाएगा। कॉलेज का चयन करने के लिए अभ्यर्थी को विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए। कम प्राप्तांक होने की स्थिति में टॉप कॉलेज को प्राथमिकता न देवें। प्राप्तांकों के अनुसार पिछली कटऑफ देखकर ही कॉलेज का चयन करें। पहले चरण में सीट आवंटन होने के बाद दूसरी काउंसलिंग में भाग लेने नहीं दिया जाएगा। किसी कॉलेज में सीट रिक्त रहने की स्थिति में ट्रांसफर हो सकती है। कॉलेज चयन के लिए काउंसलिंग में अधिक से अधिक कॉलेज को मार्क करें।