उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि नि:शुल्क शिक्षा की शुरुआत सरकारी कॉलेजों से की जाएगी। पहले चरण में प्रदेश के 252 सरकारी कॉलेजों में बेटियों के लिए शिक्षा नि:शुल्क कर रहे हैं। इसका प्रारूप तैयार किया जा रहा है। इसके बाद अगले चरण में विश्वविद्यालयों में भी इसे लागू किया जाएगा।
चार लाख विद्यार्थियों को नि:शुल्क कोचिंग व किताबें
भाटी ने कहा कि 252 सरकारी कॉलेज के छात्र-छात्राओं को ई-स्टूडियो से प्रतियोगी परीक्षाओं की नि:शुल्क कोचिंग दी जाएगी। शुरुआत 40 कॉलेजों के छात्र-छात्राओं से की जाएगी। एक माह के भीतर सभी 252 महाविद्यालयों में ‘प्रतियोगिता दक्षता’ परियोजना को लागू कर दिया जाएगा। नियमित कक्षाओं के समानान्तर ही प्रतियोगी परीक्षाओं की कक्षाएं लगाई जाएंगी। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कॉलेजों के शिक्षक ही कराएंगे।
उच्च शिक्षा विभाग के शासन सचिव वैभव गालरिया ने कहा कि 26 जनवरी से कॉलेजों के विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए नि:शुल्क पुस्तकें भी उपलब्ध कराई जाएंगी। कॉलेज आयुक्त प्रदीप बोरड़ ने बताया कि वे स्वयं आइएएस, आरएएस व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए ई-कोचिंग देंगे। पहले दिन उन्होंने ई-क्लास के माध्यम से छात्र-छात्राओं से संवाद भी किया।
उच्च शिक्षा में विद्यार्थी
कुल – 1936204
छात्रा – 881693
छात्र – 1054511
सरकारी कॉलेज – 252
कुल विद्यार्थी – 4 लाख
छात्राएं – 1.25-1.50 लाख
बालिका नामांकन
11-14 वर्ष – 16.15 लाख
14-16 वर्ष – 12.22 लाख
(अक्सर 14 वर्ष की आयु के बाद ही बालिकाएं 9वीं कक्षा में पहुंचती हैं)
9वीं के बाद लिया जाता है विकास शुल्क
प्रदेश में आठवीं कक्षा तक बालिकाओं को नि:शुल्क शिक्षा मिल रही है। लेकिन 9वीं कक्षा में पहुंचते ही उनसे शिक्षण शुल्क को छोडक़र विकास शुल्क, साइकिल स्टैंड शुल्क आदि के रूप में फीस ली जाती है।