एमपैट 2017 की प्रक्रिया वर्ष 2017 से चल रही है। नए आदेश के अनुसार डीआरसी अगले मार्च-अप्रेल तक होगी। इन डेढ़ वर्ष के दौरान करीब 40 प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर सेवानिवृत्त होंगे। इससे करीब 50-60 शोधार्थियों को नुकसान होगा।
राजस्थान विश्वविद्यालय ने 28 अगस्त को आदेश जारी कर कहा कि कोर्स वर्क पूरा होने के बाद ही डीआरसी होगी। उसके बाद रिसर्च के सिनोप्सिस स्वीकृत होने पर गाइड दिए जाएंगे। उससे पहले सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षक भी शोधार्थी नहीं ले सकेंगे। विवि ने इसके सीधे आदेश जारी कर दिए जबकि ऑडिनेंस में बदलाव के लिए पहले अकादमिक कौंसिल में प्रस्ताव रखा जाता है। फिर उसे सिंडीकेट व सीनेट में स्वीकृत करवाया जाता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से ही ऑडिनेंस में बदलाव किए जा सकते हैं।
– सोनम, शोधार्थी हमारी डीआरसी जून में ही हो चुकी है। जो गाइड अलॉट किए गए हैं, उनका कुछ समय बाद ही रिटायरमेंट हैं। पता नहीं आगे क्या होगा।
– पवन कुमार, शोधार्थी