तीन किमी दूर है स्कूल
गीता जयपाल अपने चक से करीब तीन किमी दूर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जोरावरसिंहपुरा में पढऩे जाती थी। गीता के पिता मंगलाराम जयपाल दर्जी और माता संगीता जयपाल गृहिणी है। महज चार बीघा जमीन है, जिसमें से दो बीघा बारानी है। गीता पढ़ाई के साथ-साथ घर के काम में भी हाथ बंटाती है। प्रदेश की टॉपर गीता जयपाल ने सरकारी स्कूल से पढाई करके ही 99.4 फीसदी अंक हासिल किए हैं।
गीता जयपाल अपने चक से करीब तीन किमी दूर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जोरावरसिंहपुरा में पढऩे जाती थी। गीता के पिता मंगलाराम जयपाल दर्जी और माता संगीता जयपाल गृहिणी है। महज चार बीघा जमीन है, जिसमें से दो बीघा बारानी है। गीता पढ़ाई के साथ-साथ घर के काम में भी हाथ बंटाती है। प्रदेश की टॉपर गीता जयपाल ने सरकारी स्कूल से पढाई करके ही 99.4 फीसदी अंक हासिल किए हैं।
पिता सरकारी शिक्षक, बेटे को निजी स्कूल से निकालकर सरकारी में कराया दाखिला
गाँधी सर्किल स्थित राजकीय पोद्दार उच्च माध्यमिक विद्यालय के छात्र पुलकित शर्मा ने 94.60 प्रतिशत नंबर हासिल किए हैं। पुलकित के पिता शशिभूषण शर्मा खुद भी सरकारी शिक्षक हैं। वर्तमान में उसी स्कूल है। पिता शशिभूषण शर्मा ने अपने इकलौते बेटे को 8वीं कक्षा के बाद निजी स्कूल से निकालकर सरकारी स्कूल में दाखिला कराया। इस पर परिवार ने उनका विरोध भी किया। पुलकित ने बताया कि पढ़ाई में अव्वल रहने के साथ एनसीसी, एनएसएस के कैडेट हैं। फुटबाल टीम में राज्यस्तर पर खेल चुके हैं। पुलकित भविष्य में कॉलेज लेक्चरर बनना चाहते हैं।
गाँधी सर्किल स्थित राजकीय पोद्दार उच्च माध्यमिक विद्यालय के छात्र पुलकित शर्मा ने 94.60 प्रतिशत नंबर हासिल किए हैं। पुलकित के पिता शशिभूषण शर्मा खुद भी सरकारी शिक्षक हैं। वर्तमान में उसी स्कूल है। पिता शशिभूषण शर्मा ने अपने इकलौते बेटे को 8वीं कक्षा के बाद निजी स्कूल से निकालकर सरकारी स्कूल में दाखिला कराया। इस पर परिवार ने उनका विरोध भी किया। पुलकित ने बताया कि पढ़ाई में अव्वल रहने के साथ एनसीसी, एनएसएस के कैडेट हैं। फुटबाल टीम में राज्यस्तर पर खेल चुके हैं। पुलकित भविष्य में कॉलेज लेक्चरर बनना चाहते हैं।
बागवान की बेटी ने रोशन किया क्षेत्र का नाम
बाड़ा पदमपुरा स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय खाजलपुरा में कक्षा 12वीं के कला संकाय में अध्ययनरत छात्रा सुमन मीना निवासी खाजलपुरा ने 94 प्रतिशत अंक प्राप्त कर माता -पिता के साथ क्षेत्र का नाम रोशन किया है। सुमन ने इसका श्रेय पिता कृष्णकुमार मीना को दिया है। वह आइएएस बनकर क्षेत्र का नाम रोशन करना चाहती है।
बाड़ा पदमपुरा स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय खाजलपुरा में कक्षा 12वीं के कला संकाय में अध्ययनरत छात्रा सुमन मीना निवासी खाजलपुरा ने 94 प्रतिशत अंक प्राप्त कर माता -पिता के साथ क्षेत्र का नाम रोशन किया है। सुमन ने इसका श्रेय पिता कृष्णकुमार मीना को दिया है। वह आइएएस बनकर क्षेत्र का नाम रोशन करना चाहती है।
विद्यार्थी के साथ शिक्षक भी, हासिल किए 92 फीसदी अंक
ब्रह्मपुरी निवासी हेमलता पारीक ने 92 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं। वह ब्रह्मपुरी स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय ब्रह्मपुरी कँवर नगर की छात्रा है। हेमलता ने बताया कि उन्होंने ने 10वीं कक्षा तक निजी स्कूल में पढ़ाई की थी। 11वीं से सरकारी स्कूल में दाखिला लिया। वहां शिक्षकों के मार्गदर्शन से 92 फीसदी नंबर हासिल किए। हेमलता ने बताया कि वह पिछले दो साल से 6वीं-7वीं कक्षा के बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ा रही है।
ब्रह्मपुरी निवासी हेमलता पारीक ने 92 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं। वह ब्रह्मपुरी स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय ब्रह्मपुरी कँवर नगर की छात्रा है। हेमलता ने बताया कि उन्होंने ने 10वीं कक्षा तक निजी स्कूल में पढ़ाई की थी। 11वीं से सरकारी स्कूल में दाखिला लिया। वहां शिक्षकों के मार्गदर्शन से 92 फीसदी नंबर हासिल किए। हेमलता ने बताया कि वह पिछले दो साल से 6वीं-7वीं कक्षा के बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ा रही है।
निशा ने पाए 91.20 फीसदी अंक
ब्रह्मपुरी निवासी निशा राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय ब्रह्मपुरी, कँवर नगर की छात्रा है। निशा ने 91.20 अंक हासिल किए हैं। निशा के पिता मनोज सिंह नगीने का काम करते हैं, जबकि मां गोदावरी देवी गृहिणी है। कक्षा में नियमित पढ़ाई के साथ जब भी दिक्कत आई तो शिक्षकों ने मदद की। निशा शुरू से ही सरकारी स्कूल की छात्रा है। निशा भविष्य में शिक्षिका बनना चाहती है।
ब्रह्मपुरी निवासी निशा राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय ब्रह्मपुरी, कँवर नगर की छात्रा है। निशा ने 91.20 अंक हासिल किए हैं। निशा के पिता मनोज सिंह नगीने का काम करते हैं, जबकि मां गोदावरी देवी गृहिणी है। कक्षा में नियमित पढ़ाई के साथ जब भी दिक्कत आई तो शिक्षकों ने मदद की। निशा शुरू से ही सरकारी स्कूल की छात्रा है। निशा भविष्य में शिक्षिका बनना चाहती है।