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NEET के प्रवेश आवेदनों से आए 192 करोड़ !

locationजयपुरPublished: Nov 09, 2019 05:40:54 pm

देशभर में राज्य सरकारें ऑनलाइन परीक्षाएं कराने की पैरवी कर रही हैं और बेरोजगार छात्रों से कम से कम शुल्क वसूले जाने की वकालत करती हैं, मगर आपको यह जानकर अचरज होगा कि चिकित्सा शिक्षा एवं दंत चिकित्सा शिक्षा महाविद्यालयों में एमबीबीएस व बीडीएस पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा ‘नीट-2019’ के आवेदन शुल्क से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को 192 करोड़ रुपये से ज्यादा राशि अर्जित हुई है।

NEET Application

NEET Application

देशभर में राज्य सरकारें ऑनलाइन परीक्षाएं कराने की पैरवी कर रही हैं और बेरोजगार छात्रों से कम से कम शुल्क वसूले जाने की वकालत करती हैं, मगर आपको यह जानकर अचरज होगा कि चिकित्सा शिक्षा एवं दंत चिकित्सा शिक्षा महाविद्यालयों (Medical Education and Dental Education Colleges) में एमबीबीएस (MBBS) व बीडीएस (BDS) पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा ‘नीट-2019’ (NEET 2019) (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) (National Eligibility cum Entrance Test) के आवेदन शुल्क से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (National testing Agency) को 192 करोड़ रुपये से ज्यादा राशि अर्जित हुई है।

देशभर के चिकित्सा शिक्षा एवं दंत चिकित्सा शिक्षा महाविद्यालयों में एमबीबीएस-बीडीएस पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए होने वाली एकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट-2019’ देशभर के विविध शहरों में 5 मई, 2019 को आयोजन किया गया था। इस परीक्षा में भाग लेने के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरने की प्रक्रिया 1 नवंबर, 2018 से 30 नवंबर, 2018 तक रखी गई थी। इसके लिए सामान्य एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए पंजीयन शुल्क 1400 रुपये एवं एससी-एसटी इत्यादि के लिए 750 रुपये निर्धारित किया गया था। इनमें से कुल 15,19,375 अभ्यर्थियों ने पंजीयन कराया था, जिनमें से 14,10,755 अभ्यर्थियों ने परीक्षा में भाग लिया था। इस परीक्षा का परिणाम 5 जून को घोषित हुआ था।

मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय के अधीन आने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से मध्य प्रदेश के नीमच जिले के निवासी और सूचना के अधिकार (Right to Information) (आरटीआई) (RTI) कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने नीट परीक्षा शुल्क को लेकर जो जानकारी हासिल की है, उसके मुताबिक, नीट-2019 परीक्षा में भाग लेने वाले पंजीयनकर्ताओं से कुल 1,92,43,22,162़ 07 (192 करोड़ 43 लाख 22 हजार 162) रुपये प्राप्त हुए हैं।

गौड़ ने आरटीआई के तहत जब पूछा कि नीट-2019 परीक्षा के आयोजन पर आई लागत एवं शेष बची राशि का कब, कहां एवं कैसे उपयोग किया गया है तो इसके जवाब में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने बताया कि परीक्षाओं के लिए एकत्रित की गई फीस का परीक्षा से जुड़े हुए कार्यो एवं उद्देश्य में उपयोग किया जाता है। एनटीए लाभकारी संस्था नहीं है।

आरटीआई कार्यकर्ता गौड़ का कहना है कि नीट-2019 परीक्षा का आयोजन अभ्यर्थियों से मिली भारी भरकम फीस लेकर ही किया गया है, इसलिए व्यापक जनहित में बेहतर होगा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी आगे होकर इस परीक्षा पर आई लागत का खुलासा करे।

नीट परीक्षा से भारी भरकम रकम आई हो, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले मेडिकल काउंसलिंग कमेटी द्वारा नीट यूजी 2018 की ऑनलाइन काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेने के लिए अभ्यर्थियों से कुल 18,32,87,500 रुपये (18़ 32 करोड़) रुपये वसूले गए थे, जबकि काउंसलिंग प्रक्रिया पर मात्र 2,76,78,614 (2़ 76 करोड़) रुपये की लागत आई थी। यह खुलासा भी आरटीआई से हुआ था। इससे स्पष्ट है कि काउंसलिंग प्रक्रिया से करीब 15़ 56 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था और इस शेष बची राशि को शासन के खाते में जमा करने की बात कही गई थी।

इतना ही नहीं नीट प्रवेश परीक्षा की फीस के निर्धारण के लिए अपनाई गई प्रक्रिया के संदर्भ में हुई बैठक के मिनट्स ऑफ मीटिंग्स, इसमें प्रस्तुत प्रस्ताव एवं इसकी फाइल नोटिंग्स से जुड़ी जानकारी आरटीआई में मांगने पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की धारा 8 (1) (डी) एवं (ई) का हवाला देते हुए फीस निर्धारण के लिए हुई बैठक के मिनट्स ऑफ मीटिंग्स की जानकारी देने से इनकार कर दिया है।

आरटीआई कार्यकर्ता गौड़ का कहना है कि किसी भी जनकल्याणकारी राज्य में एक ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए, जिसमें कम से कम विद्यार्थियों को तो किसी भी प्रतिस्पर्धी परीक्षा में भाग लेने पर कोई भी आवेदन शुल्क नहीं देना पड़े, पर यदि ऐसी कोई व्यवस्था नहीं हो, तब भी ऐसे परीक्षा शुल्क तार्किक एवं लागत मूल्य से अधिक नहीं होना चाहिए ।

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